केरल के सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) ने केरल सरकार की आलोचना की है. आरएसएस ने बुधवार को केरल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'उसने भक्तों की भावनाओं को ध्यान में रखे बिना तुरंत ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कर दिया.'
आरएसएस महासचिव भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करता है, लेकिन महिलाओं सहित लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार से जारी है. इसका समर्थन करते हुए जोशी ने कहा कि यह ‘परंपरा को बलपूर्वक तोड़ने’ के खिलाफ एक स्पष्ट प्रतिक्रिया थी. उन्होंने आध्यात्मिक और सामाजिक नेताओं से अपील की कि सभी लोग साथ आएं और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ न्यायिक सहित सभी विकल्पों पर विचार करें.
क्या था केरल सरकार का फैसला?
आरएसएस का ये बयान केरल सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया था. बुधावार को सीएम विजयन ने कहा था कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना है और मंदिर जाने वाली महिलाओं के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी है. उन्होंने कहा कि सबरीमाला मंदिर में जाने वाली महिला भक्तों को सुविधाएं और सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार तय करेगी
विजयन ने बताया कि केरल और पड़ोसी राज्यों की महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी. उन्होंने कहा कि जो भी महिला मंदिर में जाना चाहती है, उसे रोका नहीं जा सकता