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सबरीमाला आंदोलन में बच्चों को 'ढाल' बनाना गलत, सरकार करेगी कार्रवाई

केरल की सामाजिक न्याय मंत्री केके शैलजा ने विधानसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सरकार बच्चों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी और ऐसे कार्य के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे’

Bhasha

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन और आंदोलनों में बच्चों को ‘ढाल’ बनाने पर केरल सरकार ने आपत्ति जताई है. राज्य की सामाजिक न्याय मंत्री केके शैलजा ने इसे लेकर आगाह करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.

शैलजा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि प्रदर्शन और आंदोलन में बच्चों को शामिल करना किशोर न्याय कानून के खिलाफ है और इससे बाल सुरक्षा कानून का उल्लंघन होता है. उन्होंने कहा, ‘हाल के सबरीमाला आंदोलन सहित कई आंदोलनों में बच्चों का ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.’


उन्होंने कहा, ‘सरकार बच्चों को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगी और ऐसे कार्य के खिलाफ हम कार्रवाई करेंगे.’

हालांकि, मंत्री ने जिक्र किया कि तीर्थयात्रा के तहत भारी संख्या में बच्चे अपने माता-पिता के साथ सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर आते हैं. उन्होंने कहा, ‘मंदिर में श्रद्धा के तहत बच्चों को लाने में कोई बुराई नहीं है.’

शैलजा, मुरली पेरून्नेल्ली (सीपीएम) के एक सवाल का जवाब दे रही थी जिसमें आंदोलनों में बच्चों के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति के सिलसिले में सवाल पूछा गया था.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते 28 सितंबर को दिए अपने निर्णय में हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी.