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सबरीमाला विरोध पर बोले उदित राज- पहली बार महिलाएं कह रही हैं हमें गुलाम बनाओ

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में रहे प्रदर्शन पर बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा है कि मैंने समानता के लिए लड़ाई देखी है, गुलामी और असमानता के लिए नहीं

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद बुधवार को सबरीमाला मंदिर के द्वार सभी उम्र की महिलाओं के लिए भी खुल रहे हैं. लेकिन इसका विरोध भी हो रहा है और राजनीति भी जम कर हो रही है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दल इस मामले से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी जोरों पर है.

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में रहे प्रदर्शन पर बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा है कि मैंने समानता के लिए लड़ाई देखी है, गुलामी और असमानता के लिए नहीं. एक ओर देश में पुरुषों द्वारा अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई चल रही है और दूसरी तरफ, महिलाएं अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के खिलाफ लड़ रही हैं.


उन्होंने कहा कि यह दुनिया में पहली बार हुआ है, यह मनोरंजक है. मुझे गुलाम बनाओ, मुझसे असमान रूप से व्यवहार करो, हम पुरुषों से कम हैं. महिलाएं महिलाओं को रोक रही हैं. ये क्या है. मुझे नहीं पता कि इस देश में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह मेरी निजी राय है, राजनीतिक नहीं.

वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विरोध प्रदर्शन करने वालों के नियत पर ही सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया और अब आप कह रहे हैं कि यह हमारी परंपरा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर तीन तलाक भी एक परंपरा है. लेकिन जब इसे खत्म किया गया तब सबलोग तारिफ कर रहे थे. अब वहीं हिंदू सड़कों पर आ गए हैं.

उन्होंने कहा कि यह लड़ाई पुनर्जागृत और प्रगतिविरोधी हिंदुओं के बीच की है. स्वामी ने कहा कि पुनर्जागरण वाले कहते हैं कि सारे हिंदू समान हैं और जाति व्यवस्था को समाप्त किया जाना चाहिए. क्योंकि आज ब्राह्मण ही केवल बौद्धिक नहीं है. वे सिनेमा और व्यापार में भी अच्छा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कहा लिखा गया है कि जाति जन्म से है? स्वामी ने कहा कि शास्त्रों में संशोधन किया जा सकता है.