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तालिबान से वार्ता पर विवाद, विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत गैर आधिकारिक तौर शामिल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हमारी भागीदारी गैर आधिकारिक है, मुझे समझ नहीं आ रहा कि लोग कैसे इसे भारत-तालिबान के बीच बातचीत कह रहे हैं

FP Staff

अफगानिस्तान में शांति बहाली को लेकर शुक्रवार को रूस की राजधानी मॉस्को में हो रही वार्ता में भारत के शामिल होने पर बढ़े विवाद के बीच भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हमारी भागीदारी गैर आधिकारिक है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि लोग कैसे इसे भारत-तालिबान के बीच बातचीत कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान में शांति, एकता और बहुलता को संरक्षित करने वाले मेल-मिलाप के सभी प्रयासों का समर्थन करता है.

रवीश कुमार ने कहा कि यदि कोई प्रक्रिया अफगानिस्तान पर हमारी नीति के अनुरूप है तो हम इसका हिस्सा बनेंगे. हमने इसे पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हमारी भागीदारी गैर-आधिकारिक स्तर पर है. पता नहीं लोगों ने यह कैसे निष्कर्ष निकाल लिया है कि तालिबान के साथ बातचीत होगी. यह मॉस्को में अफगानिस्तान पर एक बैठक है.

इससे पहले नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तालिबान के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में अफगानिस्तान पर हो रही वार्ता में केंद्र सरकार की भागीदारी पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि सरकार जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों से बात क्यों नहीं कर रही.

उमर ने गुरुवार रात एक ट्वीट में कहा, मोदी सरकार को यदि तालिबान की मौजूदगी में होने वाली वार्ता में ‘गैर-आधिकारिक’ भागीदारी स्वीकार्य है तो जम्मू-कश्मीर में गैर-मुख्यधारा के हितधारकों से ‘गैर-आधिकारिक’ वार्ता क्यों नहीं? जम्मू-कश्मीर की कम हो रही स्वायत्तता और इसकी बहाली के इर्द-गिर्द केंद्रित ‘गैर-आधिकारिक’ वार्ता क्यों नहीं?’

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 17 नवंबर को मालदीव जाएंगे.