केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गुरुवार को रोटोमैक पेन्स कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को गिरफ्तार किया. इन दोनों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
विक्रम कोठारी पर सात सरकारी बैंकों से 3,700 करोड़ का लोन लेने और अब तक न लौटाने का आरोप है.
एफआईआर के मुताबिक, कोठारी ने बैंक ऑफ इंडिया से 754.77 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा से 456.63 करोड़ रुपए, इंडियन ओवरसीज बैंक से 771.07 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 458.95 करोड़ रुपए, इलाहाबाद बैंक से 330.68 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 49.82 करोड़ रुपए और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से 97.47 करोड़ रुपए लोन लिए हैं.
कर्ज का मूलधन 2919 करोड़ रुपए है, जबकि बाकी की रकम ब्याज राशि है.
आयकर विभाग (आईटी) ने बुधवार को रोटोमैंक पेन्स से जुड़ी चार अचल संपत्तियां कानपुर और अहमदाबाद में जब्त कीं.
सीबीआई ने सोमवार को भी कई जगह छापे मारे थे.
कोठारी पर क्या हैं आरोप
सीबीआई ने कोठारी, उनकी पत्नी साधना और बेटे राहुल कोठारी पर लोन की रकम डायवर्ट करने का आरोप लगाया है. ये सभी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर्स हैं.
एजेंसी ने 18 फरवरी को बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केस रजिस्टर किया था. बैंक ऑफ बड़ौदा उस कंसोर्टियम का हिस्सा है, जिसने कोठारी को लोन दिया है. बैंक ने सीबीआई से निवेदन किया था कि कोठारी परिवार के पासपोर्ट जब्त कर लिया जाएं ताकि वे भाग ना सकें. विक्रम कोठारी पर यह आरोप है कि वह पिछले कई साल से लोन डिफॉल्ट कर रहे हैं.