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शुक्रवार को भी छपा 'राइजिंग कश्मीर', अखबार ने कहा-आवाज नहीं दबा सकते आतंकी

राइजिंग कश्मीर का दैनिक संस्करण शुक्रवार को बाजार में आया. इस पन्ने पर एक संदेश लिखा है: अखबार की आवाज दबाई नहीं जा सकती

FP Staff

जम्मू-कश्मीर के अंग्रेजी अखबार 'राइजिंग कश्मीर' के संपादक शुजात बुखारी की गुरुवार को हत्या कर दी गई. हत्या के बाद सबकी निगाहें इस पर लगी रहीं कि क्या अखबार का शुक्रवार का संस्करण छपेगा. लोगों को इसका जवाब हां में मिला जब शुक्रवार का संस्करण छपाई के बाद लोगों के सामने आया.

इस घटना में बुखारी के साथ उनके दो गार्डों की भी हत्या कर दी गई. बुखारी और उनके गार्डों को उनके ऑफिस के बाहर इफ्तार से पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई. राइजिंग कश्मीर का ऑफिस श्रीनगर में सिटी सेंटर लाल चौक के पास स्थित है.

बुखारी की हत्या पर राइजिंग कश्मीर ने अपना विरोध जताते हुए शुक्रवार संस्करण के पहले पन्ने पर उनकी तस्वीर को ब्लैक बैकग्राउंड में प्रकाशित किया है. तस्वीर के साथ एक संदेश भी दिया गया है कि अखबार ऐसी घटनाओं से डरने वाला नहीं है. राइजिंग कश्मीर किसी भी हालत में हमेशा अपने उसूलों पर चलते हुए सच को सामने लाता रहेगा.

शुक्रवार को शुजात बुखारी को उनके पैतृक गांव में सुपुर्दे खाक किया गया. उनके जनाजे में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. जिस समय पत्रकार को सुपुर्दे खाक करने की तैयारी चल रही थी उसी समय ‘राइजिंग कश्मीर’ के पाठक काले रंग के बैकग्राउंड में शुजात की तस्वीर के साथ ‘राइजिंग कश्मीर’ का अंक पढ़ रहे थे.

राइजिंग कश्मीर का दैनिक संस्करण शुक्रवार को बाजार में आया. इस पन्ने पर एक संदेश लिखा है: अखबार की आवाज दबाई नहीं जा सकती.

इसमें लिखा है, ‘आप अचानक चले गए लेकिन अपने पेशेवर दृढ़ निश्चय और अनुकरणीय साहस के साथ आप हमारे लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे. आपको हमसे छीनने वाले कायर हमारी आवाज दबा नहीं सकते. सच चाहे कितना भी कड़वा क्यों न हो लेकिन सच को बयां करने के आपके सिद्धांत का हम पालन करते रहेंगे. आपकी आत्मा को शांति मिले.’

(इनपुट भाषा से)