ऐसा लग रहा है कि महंगाई का भूत आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल का पीछा छोड़ने को तैयार नहीं है. महंगाई बढ़ने के डर से उर्जित रेट कट करने से बच रहे हैं. वहीं महंगाई है कि घटने का नाम नहीं ले रही है.
महीने-दर-महीने के आधार पर मार्च में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 3.81 फीसदी पर पहुंच गई. फरवरी में यह 3.65 फीसदी थी.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में हालांकि सालाना आधार पर गिरावट आई है. साल 2016 के मार्च में यह 4.83 फीसदी थी.
खाने-पीने की चीजों के दाम गिरे
खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर में कमी आई है. मार्च में यह 1.93 फीसदी रही. जबकि फरवरी में यह 2.01 फीसदी थी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबित, इस दौरान ग्रामीण भारत की सालाना रिटेल इंफ्लेशन3.75 फीसदी रही. वहीं शहरों में यह 3.88 फीसदी थी.
गांवों में सालाना फूड इनफ्लेशन 1.85 फीसदी है. जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 2.27 फीसदी रही.
क्या है सरकार का टारगेट?
सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में महंगाई को चार फीसदी तक बनाए रखने का है.
महंगाई को काबू में रखने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था. जबकि उद्योग जगत को इसमें कटौती की उम्मीद थी.