केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफदरजंग अस्पताल में एक पायलट परियोजना के रूप में एक दिन में 12 घंटे के लिए ओपीडी की सेवा चलाने का निर्णय लिया है. हालांकि अस्पताल की रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने इस निर्णय को प्रभावशाली ढ़ंग से लागू करने के लिए और डॉक्टरों की नियुक्ति किए जाने की मांग की है.
फिलहाल सफदरजंग समेत ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी की सेवा पांच घंटे सुबह आठ बजे से दोपहर एक बजे तक है. डायबिटीज जैसी कुछ बीमारियों के लिए दोपहर में कुछ विशेष क्लीनिक सेवा भी रहती है. नए प्रस्ताव के तहत ओपीडी सुबह आठ से रात आठ बजे तक चलेगी.
न्यूज एजेंसी से स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'इस कदम का उद्देश्य मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है.' अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में एक बार इस निर्णय के लागू होने के बाद अन्य केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में भी इसे अपनाया जाएगा.
आरडीए ने जताई चिंता
सफदरजंग अस्पताल के आरडीए ने कहा है कि इस कदम से उन पर और दबाव पैदा हो जाएगा. एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा, 'हम प्रस्ताव के खिलाफ नहीं हैं लेकिन प्रशासन को 12 घंटे ओपीडी सेवा उपलब्ध कराने के लिए संसाधन और स्टॉफ को बढ़ाना होगा.' उनका कहना है, 'डॉक्टरों की कमी है और उन पर पहले से ही काम का दबाव है. समय बढ़ाने से केवल उन पर और दबाव ही बढ़ेगा इसलिए और डॉक्टरों की नियुक्ति की जानी चाहिए.' इस बीच सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने सभी विभागों को अपना फीडबैक देने के निर्देश दिए हैं.