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निजी जानकारी के लिए यूजर से चालाकी कर रहे हैं फेसबुक, गूगल: अध्ययन

अध्ययन में कहा गया है कि फेसबुक और गूगल निजता को लेकर यूरोपीय संघ के कानून के बावजूद भी यूजर पर दवाब बना रहे हैं

Bhasha

एक सरकारी अध्ययन में कहा गया है कि फेसबुक और गूगल हेरफेर और चालाकी दिखाते हुए अपने यूजर्स से उनकी निजी सूचनाएं देने पर जोर दे रहे हैं. अध्ययन में कहा गया है कि फेसबुक और गूगल निजता को लेकर यूरोपीय संघ के कानून के बावजूद भी यूजर पर दवाब बना रहे हैं.

नॉर्वेजियन कंज्यूमर काउंसिल ने अपने अध्ययन में यह जानकारी साझी की है. इसके अनुसार ये कंपनियां यूजर्स को सीमित 'डिफॉल्ट' विकल्प ही उपलब्ध करवा रही हैं. जबकि यूरोपीय संघ (ईयू) के नए डेटा संरक्षण नियमों में डेटा गोपनीयता के बारे में यूजर को अधिक नियंत्रण और विकल्प देने का प्रावधान किया गया है.


काउंसिल का कहना है इन अमेरिकी कंपनियों की गोपनीयता संबंधी संशोधित नीति जीडीपीआर (सामान्य डेटा संरक्षण नियमन) के भी प्रतिकूल है. जीडीपीआर में भी यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि निजी सूचना साझा करते समय यूजर को क्या-क्या विकल्प दिए गए हैं.

काउंसिल के डिजिटल सेवा निदेशक फिन मिरस्टेड ने कहा कि ये कंपनियां हमें अपनी ही निजी जानकारी साझा करने के लिए एक तरह से चालाकी दिखाते हुए उलझाती हैं. उन्होंने कहा कि कंपनियों का यह व्यवहार दर्शाता है कि उनमें यूजर्स के लिए सम्मान कितना कम है.