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नोटबंदी से प्रभावित हुई रियल एस्टेट बिजनेस में सुधार, इस साल मकानों की बिक्री में हुआ 25 प्रतिशत का इजाफा

प्रॉपटाइगर.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार विशेषरूप से सस्ते मकानों की मांग बढ़ने से घरों की बिक्री बढ़ी है

Bhasha

देश के नौ प्रमुख शहरों में इस साल मकानों की बिक्री 25 प्रतिशत बढ़कर 3.1 लाख इकाई पर पहुंच गई है. प्रॉपटाइगर.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार विशेषरूप से सस्ते मकानों की मांग बढ़ने से घरों की बिक्री बढ़ी है. न्यूज कॉर्प समर्थित प्रॉप टाइगर ने नौ शहरों मुंबई, पुणे, नोएडा, गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और अहमदाबाद के रीयल एस्टेट क्षेत्र का आंकलन किया है.

आवास बाजार पर अपने साल भर के लेखे जोखे में प्रॉप टाइगर ने कहा कि पिछले साल नोटबंदी के प्रभाव की वजह से घरों की बिक्री प्रभावित हुई थी. इसके अलावा मई, 2017 से लागू हुए रेरा कानून और जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से भी पिछले साल घरों की बिक्री घटी थी.


नए रियल एस्टेट कानून का हो रहा है सख्ती से पालन

रियल्टी पोर्टल ने कहा कि 2018 में नए घरों की आपूर्ति इससे पिछले साल की तुलना में 22 प्रतिशत घटकर 1.9 लाख इकाई रह गई. नए रियल एस्टेट कानून रेरा के प्रावधानों के कड़ाई से पालन की वजह से बिल्डरों ने नई परियोजनाएं शुरू करने में सावधानी बरती है. इसके अलावा नकदी की कमी और पहले से बने मकान नहीं बिकने की वजह से नई परियोजनाएं आगे नहीं बढ़ पाईं.

आंकड़ों के अनुसार 2018 में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर एक लाख इकाई से अधिक रही है. पुणे में बिक्री में पिछले साल की तुलना में 47 प्रतिशत का इजाफा हुआ. दक्षिण के राज्यों में भी घरों की बिक्री बढ़ी है. उत्तर में नोएडा में बिक्री बढ़ी है. इसकी वजह है कि नोएडा में ज्यादातर डेवलपर्स ने कीमतों में कटौती की है.