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'किसी से भी बातचीत को तैयार हैं पर आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते'

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में कहा कि केन्द्र पाकिस्तान सहित किसी से भी बातचीत करने को तैयार है. लेकिन आतंक और बातचीत कभी एक साथ नहीं चल सकते

Bhasha

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में कहा कि केन्द्र पाकिस्तान सहित किसी से भी बातचीत करने को तैयार है. लेकिन आतंक और बातचीत कभी एक साथ नहीं चल सकते. गृह मंत्री ने प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और संवाददाताओं से कहा कि पिछले चार से पांच महीनों में काफी बदलाव आया है. पथराव की घटनाओं में कमी आई है और आतंकवदियों की भर्ती में भी कमी आई है.

गृह मंत्री ने यहां विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि उन्होंने उन सभी से जम्मू कश्मीर में होने वाले पंचायत चुनाव में भाग लेने की अपील की है. अनुच्छेद 35-ए पर विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केन्द्र के पास जम्मू कश्मीर से संबंद्ध किसी संवैधानिक प्रावधान को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव सफलतापूर्वक कराने के लिए राज्य को बधाई दी और कहा कि प्रदेश में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव कराना ऐतिहासिक कदम है.


सिंह ने से कहा, 'बड़ी से बड़ी समस्याओं का सामना किया जा सकता है और मसलों को लोकतांत्रिक तरीकों से हल किया जा सकता है. जम्मू कश्मीर की अनेक समस्याओं को भी लोकतंत्र के जरिए हल किया जा सकता है. मैं प्रदेश की जनता से लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेने की अपील करता हूं.' उन्होंने कहा कि जो लोकतंत्र में यकीन नहीं रखते वे लोगों के हिमायती कभी नहीं हो सकते. नेशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने हाल ही में प्रदेश में हुए शहरी निकाय चुनावों का बहिष्कार किया था.

यह पूछे जाने पर कि क्या अलगाववादियों से बातचीत करने की भी कोई पहल है, उन्होंने कहा कि सरकार किसी से भी बातचीत कर सकती है जो बातचीत का इच्छुक है। हालांकि उन्होंने इस पर विस्तार से कुछ नहीं कहा.