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2000 के नोटों की छपाई पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया: सरकारी अधिकारी की सफाई

मार्च 2017 में 2000 रुपए के 3,285 मिलियन नोट प्रचलन में थे. इसके एक साल बाद (31 मार्च, 2018 को) सिर्फ 3,363 मिलियन नोट ही थे

FP Staff

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2,000 रुपए के नोट की छपाई को घटाकर 'न्यूनतम' कर दिया है. इस खबर को नकारते हुए वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हाल में ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.' 2000 के नोट को नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद जारी किया गया था.

आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि एजेंसी के पास 2,000 रुपए के 'पर्याप्त' नोट हैं और सरकार ने इन नोटों के उत्पादन पर कोई 'हालिया' निर्णय नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि, 'अनुमानित आवश्यकता के अनुसार ही नोटों की छपाई नियोजित की गई है. हमारे पास प्रचलन में 2,000 रुपए के नोट पर्याप्त संख्या में हैं, जो मूल्य के 35 प्रतिशत से अधिक है. हाल में 2,000 रुपए के नोट उत्पादन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है.'


इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वित्त मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि 2,000 रुपए के नोट की छपाई निकट भविष्य में 'धीमी' कर दी जाएगी. क्योंकि उच्च मुद्रा मूल्य नोट विमुद्रीकरण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नहीं थे. उन्होंने कहा कि, '2,000 रुपए के नोटों की छपाई में काफी कमी आई है. 2,000 के नोटों की छपाई को न्यूनतम तक सीमित करने का निर्णय लिया गया है. यह कोई नई बात नहीं है.'

RBI के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2017 में 2000 रुपए के 3,285 मिलियन नोट प्रचलन में थे. इसके एक साल बाद (31 मार्च, 2018 को) सिर्फ 3,363 मिलियन नोट ही थे. मार्च 2018 के अंत में प्रचलन में कुल मुद्रा की मात्रा 18,037 बिलियन रुपए है, जिसमें 2,000 के नोटों का मूल्य 37.3 प्रतिशत था. मार्च 2017 के अंत में 2000 के नोटों की संख्या कुल मुद्रा का 50.2 प्रतिशत थी.

उच्च मूल्य वाली मुद्रा नवंबर 2016 में पेश की गई थी, जब सरकार ने 500/1,000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया था.