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रामनाथ कोविंद हुए भावुक, कहा-बरसता पानी दिलाता है कच्चे घर की याद

निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, 'आज देश में ऐसे बहुत सारे रामनाथ कोविंद होंगे जो बारिश में भीग रहे होंगे

FP Staff

राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में बारिश के बीच अपने बचपन के ‘कच्चे’ घर को याद किया और भावुक अंदाज में कहा कि वह उन सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो सिर्फ इसलिए बारिश में भीग रहे हैं या पसीना बहा रहे हैं कि उनको एक वक्त का भोजन मिल सके.

देश के दूसरे दलित राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद 71 वर्षीय कोविंद ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की रक्षा करना और इसकी गरिमा को अक्षुण्ण रखना उनका कर्तव्य होगा. कोविंद ने कहा कि उन्होंने कभी राष्ट्रपति बनने के बारे में न तो सोचा था और न कल्पना की थी, लेकिन समाज एवं देश की उनकी ‘अथक सेवा’ उनको इस पद तक लेकर आई है.


कोविंद ने अपने अकबर रोड स्थित आवास पर कहा कि अथक सेवा की यह भावना ‘भारतीय परंपरा’ है और उनका निर्वाचन भारतीय लोकतंत्र की महानता का प्रतीक है. उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर बहुत भावुक क्षण है. दिल्ली में आज बहुत बारिश हो रही है और यह बरसता पानी मुझे उन दिनों की याद दिलाता है जब अपने मैं अपने पैतृक गांव में रहता था. मिट्टी की दीवारों वाला कच्चा घर था. बारिश के दिनों में फूस से बनी छत पानी नहीं रोक पाती थी. हम सभी भाई और बहन दीवार के पास एकत्र हो जाते थे और बारिश रुकने की प्रतीक्षा करते थे.'

निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, 'आज देश में ऐसे बहुत सारे रामनाथ कोविंद होंगे जो बारिश में भीग रहे होंगे, खेती का काम कर रहे होंगे, मजदूरी कर रहे होंगे और पसीना बहा रहे होंगे ताकि शाम को उनको भोजन मिल सके. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि परौंख गांव का रामनाथ कोविंद उनके प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति भवन जा रहा है.'

उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी जैसे व्यक्तित्व इस पद पर रहे और अब इस पद के लिए अपने निर्वाचन को वह अपने लिए बड़ी जिम्मेदारी मानते हैं.

संस्कृत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कोविंद ने कहा कि वह देश की सेवा और सबको खुश करने के लिए अथक रूप से काम करेंगे. कोविंद ने अपनी प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार को शुभकामना दी.

[न्यूज़ 18 से साभार]