रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष आत्मस्थानंद जी महाराज का कोलकाता में लंबी बीमारी के बाद एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 98 वर्ष के थे. उनके नेतृत्व में भारत, नेपाल और बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक आपदा के दौरान बड़े राहत अभियान चलाए गए थे.
आत्मस्थानंद जी का फरवरी 2015 से ही आयु संबंधी बीमारियों का इलाज चल रहा था.
रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ ने एक बयान में कहा कि बेहतर इलाज के बाद भी उनकी स्थिति पिछले कुछ सालों में गिरती गयी. उनका रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान अस्पताल में रविवार शाम साढ़े पांच बजे निधन हो गया.
बयान में कहा गया है कि उनका अंतिम संस्कार सोमवार रात साढ़े नौ बजे बेलूर मठ में किया जाएगा. बेलूर मठ के द्वार रविवार रात और सोमवार को उनके अंतिम संस्कार पूरा होने तक खुले रहेंगे.
प्रधानमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताते हुए इसे व्यक्तिगत नुकसान बताया.
मोदी अपनी युवावस्था में संन्यासी बनने के लिए बेलूर मठ गए थे लेकिन उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया था और कहा गया था कि उनकी कहीं अन्य स्थान पर जरूरत है.
बाद में उन्हें राजकोट, गुजरात में स्वामी आत्मस्थानंद का आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिला.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी स्वामीजी के निधन पर शोक जताया है.