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सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक: रामविलास पासवान

रामविलास पासवान ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है.

Bhasha

भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है. पासवान ने कोर्ट के इस फैसले की सराहना की और कहा कि ऐसे समय जब महिलाएं अंतरिक्ष और सेना में जा रही हैं तब उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि देश को अगर आगे ले जाना है और इसे दुनिया के अग्रणी राष्ट्रों में शुमार करना है तो समाज में किसी तरह के भेदभाव की कोई जगह नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'ऐसे वक्त जब महिलाएं सेना में शामिल हो रही हैं और अंतरिक्ष में जा रही हैं तब उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोकना गलत है. उनसे कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है. यह एक ऐतिहासिक फैसला है.' पासवान ने कहा कि भगवान के लिए सब समान हैं. वहीं बीजेपी ने इस फैसले को लेकर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. पार्टी ने कहा है कि वह अभी फैसले का अध्ययन कर रही है.


लैंगिक आधार पर भेदभाव

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के जरिए केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश का रास्ता साफ कर दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने 4:1 के बहुमत के फैसले में कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से रोकना लैंगिक आधार पर भेदभाव है और यह परिपाटी हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. चीफ जस्टिस ने कहा कि धर्म मूलत: जीवन शैली है जो जिंदगी को ईश्वर से मिलाती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मंदिर में 10 से 50 उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश करने पर प्रतिबंध था.