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राम मंदिर विवाद: 'फैसले के बाद दोनों पक्ष कोर्ट से बाहर खुशी-खुशी आएं'

AIMPLB ने कहा 'जब कोर्ट का फैसला आएगा, यह संवैधानिक कदम होगा, लेकिन कोर्ट के फैसले से लोगों के दिलों को नहीं जीता जा सकता.'

FP Staff

बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद के विषय पर अपनी मध्यस्थता की कोशिशें फिर से शुरू करते हुए ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ (एओएल) के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने AIMPLB और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्यों सहित मुस्लिम नेताओं के साथ एक बैठक की. बैठक के बाद एओएल ने बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड, ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रमुख सदस्यों और अन्य ने रवि शंकर से मुलाकात की और अयोध्या विषय का अदालत के बाहर हल किए जाने का समर्थन किया.

इस मीटिंग के बाद सलमान नदवी ने कहा 'हमने मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा की. इसमें सबसे अहम राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का है. हम इसको हल करने पर चर्चा कर रहे हैं, इस समस्या के समाधान से हम पूरे राष्ट्र को एक संदेश देंगे. हमारी प्राथमिकता लोगों के दिलों को जीतना है.'


उन्होंने आगे कहा 'जब कोर्ट का फैसला आएगा, यह संवैधानिक कदम होगा, लेकिन कोर्ट के फैसले से लोगों के दिलों को नहीं जीता जा सकता. फैसला हमेशा एक के पक्ष में और दूसरे के विरोध में आता है. हम चाहते हैं कि फैसले के बाद दोनों पक्ष कोर्ट से बाहर खुशी-खुशी आएं.'

एओएल ने एक बयान में कहा, ‘उन्होंने मस्जिद को बाहर कहीं दूसरी स्थान पर ले जाए जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है. कई मुस्लिम हितधारक इस विषय में सहयोग कर रहे हैं.’ इसने कहा कि कई संगठनों के 16 नेता बैठक में शरीक हुए. विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि और विद्वान भी इसमें शरीक हुए.

एओएल के एक अधिकारी ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना सैयद सलमान हुसैन नदवी, उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड प्रमुख जफर अहमद फारूकी, लखनऊ के टीले वाली मस्जिद के मौलाना वसीफ हसन और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ अनीस अंसारी बैठक में शरीक हुए.