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नोटबंदी: हेमंत सोरेन की मांग पर राम माधव जरूर ध्यान दें

हेमंत सोरेन का बयान राम माधव के ट्वीट के जवाब की तरह है

Arun Tiwari

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आखिरकार नोटबंदी की वजह से मर रहे लोगों को शहीद घोषित करने की मांग कर ही दी है. हेमंत ने राज्य की विधानसभा में कहा, ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि यह देश के भले के लिए किया गया है. हम मांग करते हैं कि इस कदम के कारण जान गंवाने वालों को शहीद का दर्जा दिया जाए.’


सामान्य तौर पर किसी को हेमंत की मांग हास्यास्पद भी लग सकती है लेकिन अगर भाजपा नेता राम माधव का ट्वीट देखें तो बिल्कुल ऐसा नहीं लगेगा. राम माधव ने बुधवार को एक ट्वीट कर कहा था कि अगर देशभक्ति देखनी हो तो लंबी कतारों में लगे लोगों को देखिए. अब अगर राम माधव के बयान पर भरोसा किया जाए तो बैंक की लंबी कतार में लगा हर भारतीय राष्ट्रीय हित की रक्षा कर रहा है. ऐसे में अगर यह मांग उठने लगे कि नोट बंदी की वजह से मह रहे लोगों को शहीद घोषित कर दिया जाए तो कम से कम राम माधव को तो इसका समर्थन ही करना चाहिए.

मांगा सुरक्षाकर्मियों की तरह सम्मान

अब जरा हेमंत सोरेन के भाषण के ही एक दूसरे हिस्से पर भी निगाह डालिए. हेमंत ने कहा कि ‘नोटबंदी संबंधी समस्याओं के कारण मरने वालों को केवल शहीद ही नहीं घोषित किया जाना चाहिए, बल्कि सुरक्षाकर्मियों की तरह उनका भी सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि इन लोगों ने देश के लिए अपनी जान गंवा दी. सुरक्षाकर्मियों की तरह ही इन्हें भी मुआवजा और अन्य सुविधाएं दी जानी चाहिए. सरकार ने विभिन्न मोर्चों पर अपनी असफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए नोटबंदी की. इसे पूरी तैयारी के बिना अमल में लाया गया.’

हेमंत के इस बयान में एक तंज भी छिपा हुआ है. दरअसल, पिछले कुछ समय से जिस तरीके से हर बात में राष्ट्रवाद की दुहाई दी जाने लगी है उससे यह गंभीर मुद्दा हास्यास्पद हो गया है. सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद का मजाक उड़ाते चुटकुले आपको बहुत आसानी से मिल जाएंगे. केंद्र सरकार के मंत्रियों के उलूल-जुलूल बयान आग में भी का काम करते हैं.

तेज हो सकती है मांग

इसमें ज्यादा संदेह नहीं करना चाहिए कि हेमंत सोरेन द्वारा उठाया गया यह मामला एक-दो दिनों में बड़ी मांग में बदल जाए और सभी बड़ी विपक्षी पार्टियां उनके सुर में सुर मिलाने लगें. संघ विचारक और बीजेपी के पूर्व नेता रहे केएन गोविंदचार्य ने इसमें पहला कदम बढ़ा भी दिया है.

गोविंदाचार्य ने नोटबंदी के कारण मर रहे लोगों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार को कानूनी नोटिस भी भेजा है. यह बीजेपी के नेताओं के लिए चेतावनी सरीखा भी है.

दरअसल, नोटबंदी का फैसला जितना गंभीर है, सरकार के आला लोगों को भी उतनी ही गंभीरता दिखानी होगी. इसमें कोई संदेह नहीं कि इतने बड़े फैसले से देश में बड़े वर्ग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. तो अगर सरकार में बैठे लोग कड़वे बयान देंगे तो ये उनके जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा ही होगा.