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राम-जानकी मंदिर से 15 करोड़ रुपए का 55 किलोग्राम वजनी स्वर्ण कलश चोरी

कलश की चोरी बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को हुई है. खनियांधाना नगर पंचायत अध्यक्ष एवं राम-जानकी मंदिर के संरक्षक शैलेन्द्र सिंह जूदेव ने सबसे पहले मंदिर की शिखर पर स्थापित स्वर्ण कलश को गायब देखा और पुलिस को सूचित किया

Bhasha

शिवपुरी जिले के खनियांधाना किले के राजमहल में स्थित 300 वर्ष पुराने राम-जानकी मंदिर की गुम्बद पर लगा करीब 55 किलोग्राम वजनी स्वर्ण कलश गुरुवार रात चोरी हो गया. इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है.

कलश की चोरी बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात को हुई है. खनियांधाना नगर पंचायत अध्यक्ष एवं राम-जानकी मंदिर के संरक्षक शैलेन्द्र सिंह जूदेव ने सबसे पहले मंदिर की शिखर पर स्थापित स्वर्ण कलश को गायब देखा और पुलिस को सूचित किया.


जूदेव खनियांधाना के पूर्व राज परिवार के सदस्य हैं और खनियांधाना किले के एक भाग में रहते हैं. मंदिर किले के दूसरे हिस्से में ही है.

पिछोर के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) आर पी मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस बल, शिवपुरी डॉग स्क्वाड और फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ कल मौके पर पहुंचे और इस संबंध में खनियांधाना पुलिस थाने में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि चोरों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. शिवपुरी जिले के पुलिस अधीक्षक राजेश हिंगणकर ने कलश चुराने वालों की जानकारी देने वाले व्यक्ति को 10,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है.

राम-जानकी मंदिर के संरक्षक शैलेन्द्र सिंह जूदेव ने बताया, 'चोरी हुए इस कलश का वजन करीब 55 किलोग्राम है और इसकी कीमत करीब 15 करोड़ रुपए है'.

उन्होंने कहा कि नवाब काल में स्वतंत्र राजधानी रही खनियांधाना के किले में तत्कालीन महाराजा खलकसिंह जूदेव ने राम-जानकी मंदिर की स्थापना की थी.

उन्होंने कहा कि राजमहल का रामजानकी मंदिर ऐतिहासिक महत्व का मंदिर है और वह उनके पूर्वजों की आराधना स्थली भी रही है. 300 वर्ष पूर्व जब मंदिर का निर्माण कराया गया था तब ओरछा धाम के राम-राजा मंदिर और खनियांधाना के राम-जानकी मंदिर के कलश का निर्माण कराया गया था. दोनों मंदिरों की गुम्बद पर एक साथ कलश चढ़ाए गए थे.

(इनपुट-भाषा)