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हम महिलाओं के साथ खड़े हैं, तीन तलाक खत्म कर देंगे: राज्यवर्धन राठौर

जहां मुस्लिम ज्यादा हैं वहां हमारे पार्टी के सदस्य जीते हैं तो कहीं न कहीं विश्वास आ रहा है

FP Staff

न्यूज18 इंडिया चौपाल में केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि मीडिया ने जितना पीएम मोदी पर अटैक किया है, उतना किसी को नहीं किया गया. कम्यूनिस्ट पार्टी को यूपी में केवल 400 वोट मिले तो मैं क्या करूं. उमर खालिद और कन्हैया कुमार पर राठौर ने कहा कि इन दोनों की बातें नहीं करना चाहिए ये लोग ऐसे नहीं हैं जिनको डिस्कस किया जाए.

राठौर ने कहा कि भगत सिंह के पिता ने एक अखबार निकाला था जिसका नाम ‘भारत माता’ था. आपने अपने घर में कभी बैठकर बात की है कि अपनी माता के टुकड़े किए जाएं, नहीं की ना, तो अगर टुकड़े नहीं करेंगे तो उसको मजबूत करें.


मैं 23 साल इसके लिए काम कर चुका हूं. मंदिर-मस्जिद-गिरिजाघर में गया हूं और सबसे लड़ा हूं. अगर आप बाल की खाल निकालेंगे जो इस पर चर्चा हो सकती है पर हम सबको मिलकर देश के लिए काम करना चाहिए.

राठौर ने कहा कि अगर कोई अपने विचारों की अभिव्यक्ति करता है तो इसमें कोई गलत नहीं है. राहुल जी की आदत है वो झूठ बोलते रहे हैं. जनता समझती है क्या गलत है क्या सही है. पीएम के खिलाफ कई बातें कही जाती हैं पर विरोधी कान खोलकर सुन लें, जितना हमला करेंगे हम उतने मजबूत होंगे. हम देश के लिए विकास और अच्छे दिन लेकर आएंगे.

मदरसों में उच्च शिक्षा दी जाएगी 

राठौर ने कहा कि बहुत समय से लोगों (मुस्लिम आदि) को भड़काया गया है कि ये पार्टी इन लोगों की विरोधी है. इनको सहयोग नहीं करना है. हम तो मुस्लिम की आधी आबादी के साथ खड़े हैं और मिलकर तीन तलाक खत्म करेंगे, मदरसों में उच्च शिक्षा दी जाएगी.

किसी वर्ग को खुश करने के लिए उन्हीं के लिए काम हो ऐसा नहीं होगा. सबके लिए काम होगा. ऐसा नहीं होगा कि किसी एक वर्ग को दूध दिलवाया जाये और दूसरे को कुछ न मिले. सबका साथ सबका विकास ये केवल नारा नहीं है हम इसको करके दिखाएंगे.

राष्ट्रवाद पर राठौर ने कहा कि राष्ट्रवाद और राष्ट्रप्रेम सब बराबर हैं. ये मीडिया ने ज्यादा बनाया है. जो भी देश को मजबूत करने के लिए काम करता है वो ही राष्ट्रवाद और प्रेम है.

जब आप अपनी बातों पर लीड करते हैं तो विश्वास अपने आप पैदा होते हैं. अभी कई रिपोर्ट आई हैं कि जहां मुस्लिम ज्यादा हैं वहां हमारे पार्टी के सदस्य जीते हैं तो कहीं न कहीं विश्वास आ रहा है.

जब कोई मुस्लिम सैनिक और खिलाड़ी मैदान में उतरता है तो वही जज्बे से खेलता है जैसे और सभी. ये मुस्लिम समाज की जिम्मेदारी है कि उनमें कौन से लोग हैं जो विपरीत काम कर रहे हैं. उनको इसको देखना चाहिए.

साभार: न्यूज़18 हिंदी