राजसमंद में लव जिहाद का विरोध करने के नाम पर शंभूलाल रैगर ने मोहम्मद अफराजुल की हत्या कर दी. शंभूलाल ने अपने वीडियो में कहा था कि उसने अपनी हिंदू बहन को बचाने के लिए ये काम किया. शंभूलाल ने वीडियो में जिस औरत की बात की है उसका कहना है कि उसे इस आदमी से कोई मतलब नहीं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक उस औरत का कहना है कि 2010 में वो मोहम्मद बबलू शेख के साथ बंगाल के मालदा में गई थी. जहां वो 2 साल तक रही. 2013 में वो अपनी मर्जी से वापस आई. महिला का कहना है कि रैगर उसको वापस नहीं लेकर आया था. महिला की उम्र अब 20 साल है और वो अपने भाई और मां के साथ रहती है.
महिला ने कहा कि वो रैगर को एक ही जाति का होने के चलते जानती थी. उसने रैगर को राखी भी बांधी थी. पहले भी रैगर ने महिला को वापस लाने की बात की थी. तब उसने महिला की मां से 10,000 रुपए भी लिए थे. इसके बाद महिला ने रैगर के साथ वापस आने से मना कर दिया था. महिला अपनी मर्ज़ी से वापस आना चाहती थी और बाद में आई भी.
महिला का कहना है कि उसका अफराजूल की हत्या से कोई लेना देना नहीं है. रैगर मार्बल का काम करने से पहले मजदूरी करता था, इसीलिए वो इन मजदूरों को जानता है. महिला का कहना है कि वो बंगाल से वापस आने के बाद कभी बबलू शेख से नहीं मिली. उसका ये भी कहना है कि उसने कभी रैगर को धमकियां मिलते नहीं सुना.
पुलिस ने महिला का बयान दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि महिला को बचाने जैसे रैगर के दावों से जुड़ा कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है. मारे गए अफराजुल की पत्नी का कहना है कि उसके पति ने दूसरी शादी नहीं की थी. वो परिवार और बच्चों वाला शांत आदमी था.