पूर्व गृह सचिव राजीव महर्षि सोमवार को भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) बन गए हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में महर्षि को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे.
राजस्थान कैडर से वर्ष 1978 के बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी महर्षि ने गृह सचिव के पद पर दो वर्ष का अपना तय कार्यकाल पिछले माह ही पूरा किया है. महर्षि ने शशिकांत शर्मा का स्थान लिया है. शर्मा ने 23 मई 2013 को कैग पद की शपथ ली थी. इस पद को संभालने से पूर्व वह रक्षा सचिव थे.
तीन वर्ष का होगा महर्षि का कार्यकाल
महर्षि का कार्यकाल करीब तीन वर्ष का होगा. कैग की नियुक्ति छह वर्ष के लिए होती है अथवा तब तक के लिए होती है जब तक इस पर बैठा व्यक्ति 65 वर्ष का नहीं हो जाता.
संवैधानिक अधिकारी के तौर पर कैग के ऊपर केद्र सरकार और राज्य सरकारों के खातों के ऑडिट की जिम्मेदारी होती है. कैग की रिपोर्ट संसद और राज्य विधानसभाओं में पेश की जाती है.
केंद्र सरकार में अहम पद संभाल चुके हैं महर्षि
महर्षि राजस्थान से हैं और उन्होंने अमेरिका के ग्लासगो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्रेथक्लाइड से मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली है. इससे पहले भी वह अपने राज्य और केंद्र सरकार में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
गृह सचिव के पद पर नियुक्ति से पूर्व वह आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्थान के मुख्य सचिव रह चुके हैं. इसके अलावा वह रसायन एवं उर्वरक विभाग तथा विदेश मामलों के विभाग में सचिव पद पर सेवाएं भी दे चुके हैं.