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तलवार दंपत्ति ने जेल के अंदर हुई कमाई को लेने से किया इनकार

सजा सुनाए जाने के बाद तलवार दंपति नवंबर 2013 से जेल के अंदर मरीजों का उपचार कर रहे हैं

Bhasha

आरुषि-हेमराज हत्या कांड के संबंध में साल 2013 से डासना जेल में सजा काट रहे दंत चिकित्सक दंपति राजेश एवं नूपुर तलवार ने इस दौरान जेल के अंदर मरीजों को दी गई अपनी-अपनी सेवाओं का मेहनताना लेने से इनकार कर दिया है.

जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 अक्टूबर को तलवार दंपति को अपनी बेटी आरुषि और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या के आरोपों से बरी कर दिया. उन्हें सोमवार की दोपहर रिहा किए जाने की संभावना है.


जेल अधिकारियों के मुताबिक तलवार दंपति से जल्द से जल्द अपना उपचार कराने के लिए जेल के मरीजों में ‘होड़’ मची है.

जेल के एक अधिकारी ने बताया कि तलवार दंपति जेल से बाहर निकलने का इंतजार कर रहे हैं और बाहर निकलते ही उनके मीडियाकर्मियों से घिरने की संभावना है. उन्होंने बताया कि तलवार दंपति ने जेल के अंदर मरीजों की सेवाओं के लिए मिलने वाला अपना पारिश्रमिक लेने से ‘इनकार’ कर दिया है.

नवंबर 2013 से वे जेल में मरीजों का इलाज कर रहे हैं

जेल अधीक्षक डी. मौर्य ने बताया कि इस दौरान उन्होंने करीब 49,500 रुपए कमाए हैं. सजा सुनाए जाने के बाद तलवार दंपति नवंबर 2013 से जेल के अंदर मरीजों का उपचार कर रहे हैं.

जेल चिकित्सक सुनील त्यागी ने बताया कि तलवार दंपति ने अधिकारियों को आश्वस्त किया है कि कैदियों के उपचार के लिए हर 15 दिन पर वे जेल आते रहेंगे.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ना तो परिस्थितियां और ना ही सबूत उन्हें दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त हैं. तलवार के नोएडा स्थित घर में 16 मई 2008 को आरुषि तलवार मृत पाई गई थी. हेमराज का शव भी अगले दिन छत पर उसके कमरे से बरामद हुआ था.