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राजस्थान: आनंद पाल एनकाउंटर की सीबीआई जांच से मान जाएगा रूठा राजपूत समाज!

आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई के हाथ में आने से राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं

Ravishankar Singh

आखिरकार केंद्र सरकार ने राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंप ही दी. इसी साल जुलाई महीने में राजस्थान पुलिस की कथित मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की मौत हो गई थी. इसके बाद राजस्थान में काफी हंगामा हुआ था.

जानकारों का मानना है कि सीबीआई जांच कराने का फैसला अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए लिया गया है. इस मुठभेड़ के बाद से ही राजस्थान में राजपूत समाज का एक वर्ग प्रदेश की वसुंधरा सरकार से खफा चल रहा था.


राज्य सरकार लगातार यह प्रयास करने में लगी हुई थी कि किसी तरह यह वर्ग मान जाए. लेकिन, राजपूत समाज के इस वर्ग का लगातार विरोध के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने दोबारा से केंद्र को सीबीआई जांच करने का पत्र लिखा. अब केंद्र सरकार द्वारा मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने राहत की सांस ली है. इस मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से पहले की गई मांग को सीबीआई खारिज कर चुकी थी.

राजस्थान सरकार ने केंद्र को लिखे दोबारा पत्र में मांग की थी कि जांच नहीं कराने पर राजपूत और रावणा राजपूत समाज में असंतोष पनप रहा है, जिसका असर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर पड़ सकता है. इससे पहले 24 जुलाई को भी सरकार ने आनंदपाल एनकाउंट मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.

लेकिन सीबीआई ने मामले को जांच योग्य नहीं माना और मांग खारिज कर दी. गौरतलब है कि इसी साल जुलाई में राजस्थान पुलिस ने गैंगस्टर आनंदपाल को एक एनकाउंटर में मार गिराया था. आनंदपाल की गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस के लिए नाक का सवाल बन गया था.

पिछले साल ही आनंदपाल जेल से भागा था. इसी साल जुलाई महीने में आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने को लेकर राजस्थान में कई दिनों तक बवाल कटा था.

प्रशासन ने लगभग 17 हजार लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाने का मामला दर्ज किया था. कई राजपूत नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया था. आनंदपाल राजपूत बिरादरी से आता था. राजपूतों में आनंदपाल की छवि रॉबिन-हुड वाली थी. राजपूत समाज के कुछ लोग और आनंदपाल के परिवार वालों ने एनकाउंटर के कई दिनों तक शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया था.

आनंदपाल के परिवारवालों और राजपूत समाज के कुछ लोगों की मांग थी कि एनकाउंटर की जांच जब तक सीबीआई से नहीं कराई जाएगी, तब तक आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. राजस्थान की वसुंधरा राजे की सरकार ने किसी झमेले में पड़ने से बचने के लिए इस एनकाउंटर की जांच की सिफारिश सीबीआई के पास भेज दी.

लेकिन, सीबीआई की तरफ से काफी दिनों तक जब कोई जवाब नहीं मिला तो पिछले दिनों आनंदपाल की पत्नी ने सीबीआई जांच के लिए अदालत का रुख किया था. आनंदपाल की पत्नी ने सबसे पहले सीबीआई जांच में देरी को लेकर राजस्थान के चूरू जिला सत्र न्यायालय में एक याचिका दायर की थी.

जिला सत्र न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया, जिसके बाद आनंदपाल की पत्नी ने राजस्थान हाईकोर्ट का रुख किया. सीबीआई जांच के मुद्दे पर राजस्थान हाईकोर्ट ने भी आनंदपाल की पत्नी याचिका को खारिज कर दिया था. गौरतलब है कि राजस्थान में राजपूत समाज के एक वर्ग का मानना है कि यह एनकाउंटर फर्जी है. इसी को लेकर आनंदपाल की पत्नी की तरफ से कुछ दिन पहले हाईकोर्ट में दायर याचिका में सीबीआई जांच में देरी को लेकर सवाल खड़ा किया गया था.

हाईकोर्ट ने पिछले 27 अक्टूबर को इस मामले में देरी को लेकर सीबीआई को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी करने से पहले राज्य सरकार से भी 15 दिन पहले सवाल-जवाब किया था. गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर को लेकर राजस्थान पुलिस पर कई आरोप लगे थे.

पीड़ित पक्ष के वकील का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का ठीक से पालन नहीं किया गया. क्योंकि राजस्थान पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी खुद ही इस केस में आरोपी हैं इसलिए यह जांच सीबीआई से कराई जाए.

आनंदपाल एनकाउंटर की जांच सीबीआई के हाथ में आने से राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं. एक तरफ राज्य सरकार ने जहां राजपूतों के बढ़ते असंतोष को कम करने दिशा में कदम बढ़ाया है, वहीं विरोधियों के हाथ से भी यह मुद्दा छीन लिया है.