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राजस्थानः गंगा कुमारी का पहली ट्रांसजेंडर कांस्टेबल बनने का रास्ता साफ

जस्टिस दिनेश मेहता ने 13 नवंबर को दिए अपने आदेश में शहर पुलिस विभाग से आदेश की तारीख से छह सप्ताह के भीतर गंगा की नियुक्ति करने के लिए कहा

Bhasha

गंगा कुमारी का राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कांस्टेबल बनने का रास्ता साफ हो गया है. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस कांस्टेबल के तौर पर उनकी नियुक्ति के निर्देश दिए हैं.

गंगा ने साल 2013 में पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा दी थी. इसके बाद पुलिस की वर्दी पहनने के अधिकार के लिए लंबी लड़ाई लड़ी.


राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस दिनेश मेहता ने 13 नवंबर को दिए अपने आदेश में शहर पुलिस विभाग से आदेश की तारीख से छह सप्ताह के भीतर गंगा की नियुक्ति करने के लिए कहा. साथ ही विभाग से उन्हें वर्ष 2015 से अनुमानित लाभ मुहैया कराने के लिए भी कहा.

अदालत ने कहा 'लैंगिक आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता'

अदालत ने इसे ‘लैंगिक भेदभाव’ का मामला बताते हुए कहा कि ट्रांसजेंडरों के भी समान अधिकार हैं. लिंग के आधार पर उनके साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता.

गंगा ने कहा, ‘मेरे पास हाईकोर्ट जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. मैं खुश हूं कि अदालत ने थर्ड जेंडर की दुर्दशा को समझा और विभाग को मेरी नियुक्ति का निर्देश दिया.’

राजस्थान में जालौर जिले की खेरी गांव निवासी गंगा ने वर्ष 2013 में पुलिस भर्ती परीक्षा दी थी और परीक्षा पास कर ली थी. इसके बाद मेडिकल जांच में ट्रांसजेंडर पाए जाने के बाद जालौर पुलिस के साथ उनकी नियुक्ति को रोक दिया गया था.

उन्होंने आवेदन पत्र में ‘फीमेल’ के विकल्प पर निशान लगाया क्योंकि उसमें थर्ड जेंडर का विकल्प नहीं था.

दो साल से पुलिस विभाग में घूम रही थी फाइल 

गंगा ने कहा, ‘जब पुलिस विभाग ने परीक्षा पास करने के बावजूद कांस्टेबल के पद पर मेरी नियुक्ति रोक दी तो मैं बहुत निराश हुई. विभाग मेरे वर्ग के संबंध में मेरी नियुक्ति के बारे में किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच सका.’

उनके मामले को जोधपुर रेंज के आईजीपी के पास भेजा गया. उन्होंने उसे पुलिस मुख्यालय भेज दिया लेकिन वहां भी कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका. आखिरकार इस मामले को गृह विभाग को भेजा गया जहां वर्ष 2015 से यह मामला लटका हुआ है.

गंगा अब अपनी ट्रांसजेंडर बहन गीता के लिए भी सरकारी नौकरी चाहती हैं. वो  अभी परास्नातक कर रही हैं और राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही हैं.