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यहां घर बसाने के नाम पर हो रही है 15-16 साल के लड़कियों की तस्करी

घर बसाने के लिए दूर-दराज के इलाकों से पुरुष अपनी उम्र से तीन गुणा कम उम्र तक की लड़कियों को खरीद रहे हैं

FP Staff

लिंगानुपात गड़बड़ाने की वजह से राजस्थान के कुछ इलाकों में बड़ी तादाद में पुरुष अविवाहित ही रह जाते हैं. लड़कियों की कमी पूरी करने के लिए अब इनकी तस्करी भी शुरू हो गई है. पुरुष अपने उम्र से तीन गुणा कम उम्र तक की लड़कियों को खरीद रहे हैं.

हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे साफ होता है कि घर बसाने के लिए दूर-दराज के इलाकों से लड़कियों की तस्करी की जा रही है.


खुद पसंद कर खरीद कर लाते हैं लड़कियां

मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाले एक एनजीओ की माने तो चूरू जिले में सामने आए करीब आधा दर्जन मामलों में आरोपी युवक असम, मेघालय आदि इलाकों से लड़कियों को खरीद कर लाना सामने आया है. यहां से युवक दूसरे राज्यों में जाते हैं और लड़की को उनके घरवालों को मोटी रकम देकर खरीदकर लाते हैं अथवा किसी मानव तस्करी से जुड़े गिरोह के मार्फत.

15-16 साल की लड़कियां बनती हैं शिकार

ऐसे मामलों में नाबालिग लड़कियां मानव तस्करी और खरीद-फरोख्त का अधिक शिकार होती है. दूसरे राज्यों से 2 से 3 लाख रुपए में परिजन उन्हें बेच देते हैं और वहीं से उनका नारकीय जीवन शुरू हो जाता है. राजस्थान में पहुंचते-पहुंचते उनका शारीरिक शोषण भी होता है और जब तक सही खरीदार नहीं मिलता ज्यादतियां जारी रहती हैं.

चूरू में इसलिए बढ़ रहे लड़कियों के सौदे

चूरू जिला राजस्थान के उन जिलों में से एक है जहां लड़कियां की संख्या लड़कों की तुलना में बहुत कम है. यहां 2011 की जनगणना के अनुसार एक हजार लड़कों पर महज 888 लड़कियां ही हैं. ऐसे में लड़कों को शादी के लिए लड़कियां भी कम ही रह जाती हैं. ऐसे कुंवारों के लिए मानव तस्करी से जुड़े गिरोह लड़कियों की खरीद फरोख्त करते हैं. वर्तमान सरकार ने हाल में दावा किया था कि यह लिंगानुपात अब 923 तक सुधर गया है लेकिन हालात बदलने में अब भी बहुत समय लगना है.

इन दो मामलों ने फिर आंखें खोली

चूरू जिले में हाल ही नाबालिग लड़कियों की खरीद फरोख्त के दो नए मामले सामने आए हैं. सरदारशहर और तारानगर थानों में दर्ज इन दोनों मामलों में 8 नामजद सहित 10 लोगों के खिलाफ पोक्सो के तहत केस दर्ज किए गए हैं. ये दोनों ही लड़कियां असम की रहने वाली हैं जिनका सौदा कर यहां लगाया गया था. चाइल्ड हैल्प लाइन द्वारा आरोपियों पर अपहरण, मानव तस्करी और दुष्कर्म के मामले दर्ज करवाए गए हैं.

केस-1 : 50 साल के पप्पू ने 2 लाख में खरीदी 16 साल की लड़की

17 अगस्त 2017 को असम के गांव अलीसिंगा की एक किशोरी को रुपयों के लालच में उसके मां-बाप ने ही बेच डाला. इस किशोरी की उम्र 16 साल है और उसको खरीदने वाला तीन गुना अधिक 50 साल की उम्र वाला पप्पू है. आरोपी पप्पू असम में कथित शादी के बाद सरदारशहर तहसील के गांव पातलीसर बड़ा ले आया, जहां पांच दिनों तक आरोपी ने बालिका से दुष्कर्म किया. चाइल्ड लाइन को सूचना मिलने पर 23 अगस्त को बालिका का रेस्क्यू किया गया. बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किए जाने के बाद किशोरी को आश्रय गृह में भिजवाने के आदेश दिए गए.

केस-2 : 15 साल की लड़की का अपहरण कर दिल्ली में बेचा

इस केस में असम के दरंग जिले की टंगला तहसील के कालीखोला गांव की एक 15 साल की नाबालिग लड़की मानव तस्करी गिरोह की शिकार हुई. उसे असम के तीन लोगों द्वारा नशीला पदार्थ सुंघाकर अपहरण किया गया. उसे ट्रेन से गोवाहाटी लाया गया और फिर बेहोशी की हालत में दिल्ली लाकर बेच दिया गया. दिल्ली से उसे चूरू जिले के तारानगर तहसील के एक खेत में लाकर 2 दिन तक मारपीट कर

बंधक बनाकर रखा गया.

उसे वहां बेचने के लिए लाया गया था. लेकिन वहीं पर अज्ञात आरोपी द्वारा उसके साथ दुष्कर्म किया गया. जब रात को नशे में धूत्त आरोपी सो रहे होते हैं तब मौका पाकर वह किसी तरह उनके चंगूल से बच निकलने में कामयाब हो जाती है. एक स्थानीय महिला की मदद से वह पुलिस स्टेशन पहुंचती है और अब पुलिस द्वारा बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किए जाने के बाद से बालिका आश्रय गृह में रह रही है.

यहां पिछले एक साल में ऐसे दर्जनभर मामले सामने आ चुके हैं. इनमें दूसरे राज्यों से महिलाओं और लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले कई गिरोह सक्रिय है. कोई अपहरण तो कोई लड़कियों के परिजनों को लालच देकर राजस्थान लाने में कामयाब हो जाता है.

— आन्नदसिंह, कार्डिनेटर एवं परिवादी, चाइल्ड हैल्प लाइन, चूरू

चूरू पुलिस अब असम पुलिस के साथ जिले में सक्रिय मानव तस्कर गिरोह के खिलाफ संयुक्त कार्यवाही करने जा रही है.

— रामचन्द्र ढाका, एएसआई, तारानगर थाना

[न्यूज़ 18 इंडिया के लिए मनोज कुमार शर्मा की रिपोर्ट]