राजस्थान के भरतपुर जिला मुख्यालय स्थित मिनी सचिवालय के बाहर मंगलवार को अनारक्षित वर्ग संघर्ष समिति की ओर से सवर्ण वर्ग की जातियों को 14 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर धरना दिया गया. समिति के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग पूरी नहीं होने पर प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने की बात कही. धरने के बाद मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया.
धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि बीजपी ने चार वर्ष पूर्व अपने चुनावी घोषणापत्र में सवर्णों को आरक्षण देने का विश्वास दिलाया था. इसके बाद सभी ने पुरजोर तरीके से चुनावों में पार्टी का समर्थन किया था. लेकिन, समय गुजर जाने के बाद भी इस घाेषणा पर अमल नहीं किया गया.
अनारक्षित वर्ग की क्या हैं मांगें
धरने के बाद जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. इसमें अनारक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को आर्थिक सुविधा देने, प्रतियोगी परीक्षा में आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 40 साल करने, सभी वर्ग की महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की मांग की गई.
इस मौके पर संघर्ष समिति सचिव कौशलेश शर्मा, समाजसेवी गिरधारी तिवारी, किशोर शर्मा, पार्षद दयाचंद पचौरी, इंद्रजीत भारद्वाज सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.
(भरतपुर से शिव कुमार वशिष्ठ की न्यूज 18 के लिए रिपोर्ट)