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भारतीय रेलवे बिना गार्ड की ट्रेनें चलाने की बना रहा योजना

रेल के इंजन और आखिरी डिब्बे के बीच संचार स्थापित करेगा

Bhasha

भारतीय रेलवे बिना गार्डों की ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है. इसके लिए वह हाईटेक उपकरण खरीदने जा रहा है. लगभग 1000 ट्रेनों के संचालन के लिए वो 100 करोड़ रूपये तक के टेंडर जारी करने जा रहा.

गार्ड की जगह लेगा ये उपकरण


एंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री (ईओटीटी) के नाम का ये उपकरण रेल के इंजन और आखिरी डिब्बे के बीच संचार स्थापित करेगा. इस उपकरण से ये सुनिश्चित हो सकेगा की ट्रेन की सभी बोगियां साथ चल रही हैं या नहीं. इस उपकरण को गार्ड के स्थान पर काम करने के लिए बनाया गया है जो डिब्बों के अलग होने पर चालक को डिब्बों पर ब्रेक लगाने का संकेत देगा. इस संकेत से ट्रेन के पीछे के हिस्से को आगे के हिस्सों से भिड़ने से बचाया जा सकेगा.

ईओटीटी उपकरण के प्रत्येक सेट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रूपये है. इसकी शुरुआत रेलवे 1000 ईओटीटी के उपकरणों के साथ करेगा और बाद में सभी ट्रेनों के लिए ऐसे उपकरण खरीदे जाएंगे.

इस परियोजना में शामिल रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी कि हम पहले चरण के उपकरण खरीदने के लिए वित्तीय बोलियां लगाने के लिए आमंत्रित करेंगे.

कैसे काम करता है ईओटीटी

अधिकारी ने बताया कि इंजन में एक ट्रांसमीटर लगा होता है और ट्रेन के आखिरी डिब्बे में एक रिसीवर होता है.ट्रांसमीटर और आखिरी डिब्बे के बीच नियमित अंतराल पर सिग्नलों का आदान-प्रदान होता रहता है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेन बिना किसी रूकावट के चल रही है.अगर दोनों डिब्बों के बीच संचार में रूकावट होगी तो चालक को सिग्नल मिल जाएगा कि ट्रेन के डिब्बे अलग हो गए हैं.

इससे पहले रेलवे ईओटीटी सिस्टम का सफलतापूर्वक परीक्षण कर चुका है. इस सिस्टम को 1000 ट्रेनों में लगाकर मौजूदा वित्त वर्ष से शुरू करने की संम्भावना है.