दशहरा के दिन अमृतसर में हुई रेल दुर्घटना के बाद से रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा कई चीजों को लेकर बयान देते नजर आ रहे हैं. वह रेलवे का बचाव करने में लगे हुए हैं. इस बार उन्होंने कहा कि अमृतसर पुलिस कमिश्नर द्वारा कही गई बात पंजाब सरकार का एक अधिकृत बयान होना चाहिए. उन्होंने कहा- रेलवे ने रावण दहन के कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी थी इसलिए रेलवे इस हादसे में दोषी नहीं है. इससे पहले रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अमृतसर में दशहरा मेला के दौरान पटरी पर आए लोगों को रौंदने वाली ट्रेन के चालक के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया था.
रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई
बीते शनिवार को ही सिन्हा ने कहा था कि रेलवे की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई थी. साथ ही उन्होंने लोगों को भविष्य में रेल पटरियों के पास ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करने की सलाह दी थी. इस दुर्घटना में अभी तक 61 लोगों की मौत हो चुकी है. रेलवे ने कहा है कि उसकी कोई गलती नहीं थी क्योंकि दशहरा कार्यक्रम के बारे में उसे कोई सूचना नहीं दी गई थी.
लोग रेल पटरी के किनारे ऐसे कार्यक्रम आयोजित न करें
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, 'दुर्घटना में रेलवे की कोई गलती नहीं थी. हमारी ओर से कोई चूक नहीं थी और ट्रेन चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. लोगों को भविष्य में रेल पटरी के किनारे ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने से परहेज करना चाहिए. मेरा मानना है कि यदि ऐहतियात बरती गई होती तो दुर्घटना टाली जा सकती थी.' उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी ऐसे कार्यक्रम होते हैं, संबंधित जिला प्रशासन अनुमति देता है.'
अंधेरे और पटाखों के शोर से लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाए
उन्होंने कहा, 'जब घटना हुई उस समय लोग रेल लाइन पर थे. अंधेरे और पटाखों के शोर से लोग ट्रेन की आवाज नहीं सुन पाए. चालक भीड़ को पहले नहीं देख पाया क्योंकि वहां पर पटरी का एक घुमाव था. चालक ने ब्रेक लगाने का प्रयास किया और 91 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही ट्रेन की गति को कम करने का प्रयास किया लेकिन ट्रेन को रोकने में समय लगता है.' पूछताछ के दौरान चालक ने यह भी कहा कि उसने ट्रेन रोकने का प्रयास किया लेकिन रोक नहीं पाया.