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लगातार हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश

रेल मंत्री का कहना है कि पीएम ने उन्हें फिलहाल इंतजार करने को कहा है

FP Staff

पांच दिनों के भीतर हुए दो ट्रेन हादसों के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने पीएम नरेंद्र मोदी से मिल कर इस्तीफे की पेशकश की है.

सुरेश प्रभु ने ट्विटर पर लिखा, 'रेलमंत्री रहते हुए मैंने अपना खून-पसीना रेलवे के सुधार के लिए बहाया है. पीएम के नेतृत्व में मैंने दशकों की उपेक्षा को चरणबद्ध सुधारों और निवेश के जरिए बदलने की कोशिश की.'


उन्होंने आगे लिखा, 'पीएम मोदी के न्यू इंडिया में रेलवे आधुनिक और सुचारु होनी चाहिए. रेलवे उसी राह पर आगे बढ़ रहा है. मैं इन दुर्भाग्यपूर्ण हादसों, यात्रियों के जान जाने और घायल होने से बेहद आहात हूं. मैं (इसकी) पूरी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पीएम मोदी से मिला. उन्होंने मुझे इंतजार करने को कहा है.'

खबरों के मुताबिक सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए यह फैसला लिया है. हालांकि अबतक उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है.

रेल मंत्री का कहना है कि पीएम ने उन्हें फिलहाल इंतजार करने को कहा है.

विपक्ष मांग रहा है इस्तीफा

गौरतलब है कि लगातार हो रहे रेल हादसों और राजधानी एक्सप्रेस में लाखों की चोरी के बाद से विपक्ष लगातार सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग कर रहा है.

रेल मंत्री सुरेश प्रभु के 3 साल के कार्यकाल में करीब 700 लोग रेल हादसों में अपनी जान गवां चुके हैं. ये आंकड़ा साल 2014-15 से अब तक का है.

बुधवार को तड़के उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास औरैया जिले में अछल्दा और पाता स्टेशन के पास कैफियत एक्सप्रेस के इंजन समेत 10 डिब्बे पटरी से उतर गए. इससे पहले शनिवार को भी कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के बाद 23 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे.

ऐसा माना जा रहा है कि अगले कैबिनेट विस्तार में रेल मंत्रालय भी किसी और के जिम्मे दिया जा सकता है.