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बजट 2017: महंगाई दर के साथ बढ़ाए जा सकते हैं रेल किराए

सरकार इस साल बजट में ऐसे प्रावधान कर सकती है कि जिससे हर बार महंगाई बढ़ने पर ​रेल किराए बढ़ेंगे

Pratima Sharma

अभी तक महंगाई का सीधा असर खाने पीने की चीजों पर नजर आती थी लेकिन अब इसका असर रेल किरायों पर भी नजर आ सकती है.

सरकार इस साल बजट में ऐसे प्रावधान कर सकती है कि जिससे हर बार महंगाई बढ़ने पर रेल किराए बढ़ेंगे.


यह ठीक उसी तरह से होगा जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ने पर देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में इजाफा हो जाता है.

क्या है सरकार का प्लान 

केंद्र सरकार अब रेलवे के लिए इनफ्लेशन बेस्ड मॉडल लाने पर विचार कर रही है. इससे पहले सितंबर में सरकार ने रेल टिकट के साथ सर्ज प्राइसिंग जोड़ा था.

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि नया मॉडल होलसेल प्राइस इंडेक्स पर आधारित होगा.

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'फिलहाल रेलवे को एक टिकट बेचने पर सिर्फ 57 फीसदी खर्च की रिकवरी होती है. इनफ्लेशन बेस्ड मॉडल लाने के पीछे मकसद यह है कि अगर कीमतें 5 से 6 फीसदी बढ़ती हैं तो रेल किराया भी इसी अनुपात में बढ़ना चाहिए.'

पुख्ता प्लान नहीं 

हालांकि, अभी इस बात पर फैसला नहीं हुआ है कि किराए कितनी बार बढ़ाए जाएंगे. इंडियन रेलवे 36 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से किराया लेती है.

फिलहाल रेल किराया कैलकुलेट करने का कोई तरीका नहीं है. अभी तक इसमें सिर्फ फ्यूल कॉस्ट को ही कभी-कभी एडजस्ट किया जाता है.

फिस्कल ईयर 2014-15 में पैसेंजर सेगमेंट में रेलवे को 33,490.95 करोड़ रुपए का लॉस हुआ है.

फिस्कल ईयर 2015-16 के दौरान रेलवे का पैसेंजर रेवेन्यू 45000 करोड़ रुपए था. जबकि फिस्कल ईयर 2016-17 में 51,000 करोड़ रुपए हासिल करने का टारगेट है.

कैसे आया यह प्लान 

रेल किरायों को इन्फ्लेशन से जोड़ने का प्रस्ताव रेल विकास शिविर के दौरान आया था. इस शिविर में रेलवे के सभी कर्मचारियों से आइडिया मंगाए गए थे.

इस दौरान रेलवे को 11 लाख आइडिया हासिल हुए. इनमें से 36 आइडिया को चुना गया, जिनमें से इंफ्लेशन लिंक्ड टिकट सहित कुछ दूसरे आइडिया भी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर रेलवे मिनिस्ट्री एक इनोवेशन आॅफिस बनाएगी. इसमें आठ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर होंगे, जिसे एक चीफ एग्जिक्यूटिव आॅफिसर हेड करेंगे.

इस आॅफिस को आइडियाज लागू करने के लिए तीन साल का वक्त मिलेगा.

बजट में हो सकता है ऐलान

रेल किराया को इन्फ्लेशन लिंक्ड करने का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब सरकार रेलवे डिवेलपमेंट अथॉरिटी आॅफ इंडिया आरडीएआई बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.

यह अथॉरिटी मालभाड़ा और पैसेंजर किराए से जुड़े मामलों की सिफारिश करेगी.

अधिकारी ने कहा, 'जब रेल विकास शिविर हुआ था तब प्रधानमंत्री चाहते थे कि आइडिया को तेजी से लागू किया जाए. हम इसकी तरफ मुड़ रहे हैं.'

ट्रांसपोर्ट सेक्टर में सिर्फ नेशनल हाइवे के टोल ही इन्फ्लेशन रेट से संबंधित है. खबरें आ रही हैं कि इस साल 1 फरवरी को रेलवे किराए बढ़ाने का फैसला कर सकता है.

फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने ऐसे संकेत दिए हैं कि पैसेंजर को जो सर्विस मिल रही है, उसकी कीमत उन्हें देनी होगी.