राफेल डील को लेकर आरोपों की सियासत अब आर-पार के दौर में पहुंच चुकी है. कांग्रेस के हमलों का पलटवार करने के लिए केंद्र सरकार अब यूरोफाइटर टाइफून फाइटर प्लेन पर सवार हो चुकी है. इसकी ताजा मिसाल महाराष्ट्र के सोलापुर में तब दिखाई पड़ी जब पीएम मोदी ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि मीडिया के मुताबिक क्रिश्चियन मिशेल सिर्फ हेलिकॉप्टर डील में ही बिचौलिया नहीं था बल्कि लड़ाकू विमान की दूसरी डील में भी उसकी भूमिका थी.
दरअसल, साल 2007 में भारत ने 126 मीडियम मल्टी रोल एयरक्राफ्ट खरीदने की बात की थी. जिस पर 5 कंपनियों की बोली के बाद केवल दसॉ और यूरोफाइटर टाइफून पर जा कर बात ठहर गई थी. इंडिया टुडे के मुताबिक बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल राफेल विमान के खिलाफ सौदेबाजी कर रहा था. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इटली का बिचौलिया Guido Haschke और क्रिश्चियन मिशेल यूरोफाइटर टाइफून के लिए लॉबिंग कर रहे थे.
दरअसल, बताया जाता है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर बनाने वाली इटली की कंपनी Finmeccanica का यूरोफाइटर विमान बनाने वाली कंपनी में भी शेयर है. यूरोफाइटर टाइफून को ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और स्पेन की मल्टीनेशनल कंपनी बनाती हैं. यही वजह है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के तार जब राफेल डील से जुड़े तो मामले में नया मोड़ आ गया. अब पीएम मोदी कह रहे हैं कि यूरोफाइटर प्लेन की डील यूपीए सरकार से कराने के लिए क्या मिशेल 'मामा' लॉबिंग कर रहे थे?
लोकसभा में जब नियम 193 के तहत राफेल डील पर बहस हो रही थी तब चर्चा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यूरोफाइटर टाइफून को लेकर चुटकी भी ली थी. संसद में जब कांग्रेस कागज के विमान बना कर उड़ा रही थी तो जेटली ने कहा था कि यूरोफाइटर टाइफून की याद में कागज उड़ाए जा रहे हैं.
राफेल को लेकर सड़क से संसद और संसद से चुनावी अखाड़े तक आरोपों की लड़ाई पहुंच चुकी है. लेकिन अब ऐसा लगता है कि बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की वजह से राफेल मुद्दे पर से कांग्रेस की पकड़ ढीली और यूरोफाइटर प्लेन पर मोदी सरकार की पकड़ मजबूत हो रही है. हाल ही में मीडिया में इस खबर भर से ही सनसनी फैल गई थी कि बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने ईडी से पूछताछ में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का नाम लिया.
ऐसे में क्रिश्चियन मिशेल की गिरफ्तारी और उसका भारत लाना कांग्रेस के लिए सियासी मुश्किलें खड़ा कर सकता है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से राफेल डील पर राहत मिलने के बाद मोदी सरकार के लिए क्रिश्चियन मिशेल वो जिंदा सबूत है जो अगस्ता वेस्टलैंड और यूरोफाइटर प्लेन की डील को लेकर कई राज़ बेपर्दा कर सकता है. पीएम मोदी ने अपनी पिछली रैलियों में ये इशारा भी किया था कि अब न मालूम कौन-कौन से राज़ खुलेंगे जिनके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है.
सवाल उठता है कि क्रिश्चियन मिशेल एक साथ दो बड़ी रक्षा डील में बिचौलिए की भूमिका में किस बड़ी मछली के लिए काम करता था? सवाल ये भी उठता है कि क्रिश्चियन मिशेल आखिर किसके इशारे पर यूरोफाइटर टाइफून की डील पर जोर दे रहा था? क्या ये माना जाए कि यूरोफाइटर टाइफून से डील करने के लिए ही राफेल डील को जानबूझकर सौदेबाजी कर लटकाया जा रहा था?
अब मोदी सरकार के पास क्रिश्चियन मिशेल के रूप वो बंदूक है जिससे विरोधियों पर चुन-चुन कर निशाना साधा जा सकता है. यही वजह है कि जहां सोलापुर में पीएम मोदी ये कह रहे थे कि कमीशनखोरों के सारे दोस्त इकट्ठा हो कर चौकीदार को डराने का सपना देख रहे हैं लेकिन उनको निराशा हाथ लगेगी और क्योंकि चौकीदार न डरता है और न सोता है.
वहीं अब मोदी सरकार के मंत्री भी यूरोफाइटर टाइफून को लेकर हमलावर हो गए हैं. केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने ट्वीट कर पूछा है कि, 'क्या क्रिश्चियन मिशेल राफेल के खिलाफ यूरोफाइटर को लेकर लॉबी कर रहा था और यही वजह है कि कांग्रेस राफेल डील को लेकर लोगों में गलत जानकारियां देने का काम कर रही थी'. इसी तरह बीजेपी ने भी ट्वीट कर सवाल पूछा है कि यूपीए सरकार ने सबसे कम बोली लगाने वाली दसॉ को होल्ड पर क्यों डाल दिया गया?
बहरहाल राफेल मामले में क्रिश्चियन मिशेल की वजह से दूसरा मोड़ आ गया है. ऐसे में बीजेपी अब कांग्रेस को राफेल पर ही घेरने की तैयारी में जुट गई है जिसका आगाज पीएम मोदी ने सोलापुर में कर दिया है. अब चुनाव से पहले किसी बड़े खुलासे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. हां, इंतजार जरूर किया जा सकता है.