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पंजाबः जाली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, SUV और लैपटॉप बरामद

पुलिस के अनुसार किराए पर लिए घर में एक युवती समेत 4 लोग नकली नोट बनाने का काम कर रहे थे, इनके पास से लैपटॉप, प्रिंटर, नेल पॉलिश, हरे रंग के पेन, कागज के रिम और 500, 2000 और 100 रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं

FP Staff

लुधियाना के टिब्बा रोड स्थित गोपाल नगर में एक घर से नकली नोट बनाने के कई सामान बरामद किए गए हैं. इस मामले में पंजाब पुलिस ने कई अहम खुलासे भी किए हैं. पुलिस के अनुसार किराए पर लिए घर में एक युवती समेत 4 लोग नकली नोट बनाने का काम कर रहे थे. पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, प्रिंटर, नेल पॉलिश, हरे रंग के पेन, कागज के रिम और 500, 2000 और 100 रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं.

मजदूरों को पैसे थमा देते थे और नकली नोट मार्केट में पहुंचाते थे


पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को कर्मसर कॉलोनी से गिरफ्तार किया है जबकि इनके साथी धरमिंदर सिंह बाडेवाल, महिला साथी स्माइली शिमलापुरी और जस्सा निवासी खजूर चौक अभी भी फरार हैं. पुलिस का कहना है कि आरोपित प्रीतपाल को देर रात नाकाबंदी के दौरान ताजपुर रोड टी प्वाइंट से गिरफ्तार किया गया है. उससे SUV बरामद की गई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार इनकी ओर से अब तक लाखों रुपए पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भेजे जा चुके हैं. वह यहां पर मजदूरों को पैसे थमा देते थे और इस तरह नकली नोट मार्केट में पहुंचाते थे. इनके पास से बरामद की गई SUV से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के नकली नंबर प्लेट भी मिले हैं.

प्रीतपाल के हर काम में स्माइली और जस्सा पूरा सहयोग करते थे

एसीपी पवनजीत के अनुसार प्रीतपाल सिंह पहले स्कैनिंग का काम करता था. इससे पहले उसने अपना स्कूल सर्टीफिकेट भी नकली बनाया था जिस पर मामला भी दर्ज हुआ था. इसके अलावा उसने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर 1 करोड़ 88 लाख रुपए के जाली वैट रिफंड के कागजात तैयार कर भी ठगी की थी. पुलिस की जांच में सामने आया है कि प्रीतपाल के हर काम में स्माइली और जस्सा पूरा सहयोग करते थे. नकली नोटों को ठिकाने पर पहुंचाने का काम धरमिंदर करता था. पुलिस ने बताया कि धरमिंदर और प्रीतपाल दोनों जेल में मिले थे. जस्सा धरमिंदर का दोस्त है और धरमिंदर के जरिए स्माइली इन सबके संपर्क में आई थी. पुलिस ने प्रीतपाल को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है.