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स्वास्थ्य विभाग ने मोगा में चार बाल विवाह के मामलों का पता लगाया

मोगा स्वास्थ्य अधिकारियों ने बाल विवाह के चार मामलों का पता लगाया है. मामले तब सामने आए जब लड़कियों ने गर्भावस्था के लिए या 'योग्य जोड़े' के रूप में आशा कर्मियों के पास खुद को रजिस्टर करवाया.

FP Staff

मोगा स्वास्थ्य अधिकारियों ने बाल विवाह के चार मामलों का पता लगाया है. मामले तब सामने आए जब लड़कियों ने गर्भावस्था के लिए या 'योग्य जोड़े' के रूप में आशा कर्मियों के पास खुद को रजिस्टर करवाया.

आशा कार्यकर्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत केंद्र सरकार के प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिलाओं और 'योग्य जोड़ों' को पंजीकृत करने के लिए घर-घर जाती है, ताकि उन्हें मूल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सके. इनमें गर्भवती महिलाओं को प्रसव तक प्रसवपूर्व देखभाल दी जाती है और 'योग्य जोड़ों' को परिवार नियोजन और परामर्श दिया जाता है.


वहीं बाल विवाह के सामने आए इन चार मामलों में एक लड़की की उम्र 12 साल की है, जिसकी शादी 28 साल के आदमी से हुई है. इसी साल जुलाई में लड़की ने 1 लड़के को जन्म दिया है. साथ ही लड़की की शादी के तीन साल हो चुके हैं. साथ ही इसका एक मिसकैरिज भी हो चुका है.

वहीं एक 15 साल की लड़की का एक 27 साल के आदमी से शादी का मामला भी सामने आया है. नवंबर के महीने में ही लड़की ने एक लड़के को जन्म दिया है. तीसरे मामले में एक 11 साल की लड़की की 30 साल के आदमी से शादी का मामला सामने आया. दोनों ने खुद को योग्य जोड़े के रूप में आरसीएच कार्यक्रम के तहत रजिस्टर करवाया है. आखिर में 16 साल की लड़की और 22 साल के उसके पति ने भी खुद को रजिस्टर करवाया है. आशा कर्मियों के मुताबिक इन दोनों की 3-4 महीने पहले ही शादी हुई थी.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गर्भवती लड़कियों को 'उच्च जोखिम गर्भावस्था' श्रेणी में रखा गया था जब तक कि उनके बच्चे न हों. वहीं आशा कर्मियों ने कहा कि अब उन्होंने इन जोड़ों को लड़की के 18 साल तक की उम्र पूरी न होने तक बच्चे पैदा करने के लिए मना किया है.

हालांकि बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 होने के बावजूद भी ऐसे मामले सामने आते हैं. जिसके लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने पर कोई दिशानिर्देश नहीं हैं.