जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बयान दिया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा, सेना का ट्रक चलाने की ताकत
उनमें अभी तक है. अनशन के बाद अन्ना इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं.
अन्ना हजारे सेना में ड्राइवर रह चुके हैं. वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे
थे जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हुए हैं.
हजारे ने अपने एक सहयोगी के जरिए कहा, 'बुजुर्ग होने के कारण मैं बंदूक नहीं उठा सकता लेकिन अगर जरूरत हुई तो मैं देश के लिए लड़ाई करने वाले
अपने सैनिकों को पहुंचाने के लिए निश्चित रूप से वाहन चला सकता हूं.'
अन्ना हजारे 1960 में एक ट्रक चालक के रूप में सेना में शामिल हुए थे.1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वह खेम करन सेक्टर में तैनात थे.
इससे पहले 88 साल के समाजसेवी अन्ना हजारे 30 जनवरी से आमरण अनशन के लिए बैठे थे और उन्होंने 7वें दिन अपना धरना खत्म किया था. उनकी मांग थी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य में लोकायुक्त और राष्ट्रीय स्तर पर लोकपाल की नियुक्ति की जाए.
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