हवाई यात्रियों पर लगाए जाने वाले यात्री सुरक्षा शुल्क (पीएसएफ) में मामूली वृद्धि की जा सकती है क्योंकि हवाईअड्डों की सुरक्षा पर बढ़ती लागत को देखते हुए गृह और नागर विमानन मंत्रालय के लिए इसे संभालना मुश्किल हो रहा है.
दोनों मंत्रालयों में इस बात को लेकर मतभेद हैं कि हवाईअड्डों की सुरक्षा पर आने वाला खर्च कौन वहन करे और नागर विमानन मंत्रालय दलील देता रहा है कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा मुहैया कराए क्योंकि यह एक संप्रभु कार्य है.
हर यात्री को देना पड़ता है 150 रुपए
इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने देश में संचालित हो रहे 98 हवाईअड्डों की सुरक्षा पर आने वाली वास्तविक लागत पता लगाने के लिए एक समिति गठित की थी जबकि नागर विमानन मंत्रालय यह पता लगाएगा कि वह पीएसएफ, कार पार्किंग सुविधाओं और सभी हवाईअड्डों पर किराये से कितना राजस्व जुटा सकता है.
एक अन्य अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि अगर राजस्व से लागत पूरी नहीं निकलती तो इस बात की संभावना है कि भविष्य में पीएसएफ को आंशिक रूप से बढ़ा दिया जायेगा क्योंकि हवाईअड्डा सुरक्षा की बढ़ती लागत को संभालना मुश्किल होता जा रहा है.
प्रत्येक विमान यात्री पर करीब 150 रुपए पीएसएफ लगता है.
अभी हवाईअड्डों पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिये हवाईअड्डा संचालकों को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को करीब 800 करोड़ रुपए देने हैं.