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देश के पहले मॉडल स्टेशन में पार्किंग फीस मकान के किराए से ज्यादा!

यात्रियों के विरोध के बाद ये फीस कम की गई हैं मगर पुरानी दरों से अभी भी कई गुना है

FP Staff

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर भोपाल में देश के पहले मॉडल स्टेशन हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के दाम इतने बढ़ा दिएल गए, कि यात्रियों को प्रदर्शन करना पड़ गया. हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट तो 10 रुपए में ही मिल रहा है लेकिन पार्किंग शुल्क मनमाने तरीके से वसूला जा रहा है.

दरअसल प्राइवेट किए जाने के बाद कॉन्ट्रैक्टर ने पार्किंग की फीस में मनमाने तरीके से बढ़ोतरी कर दी. प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर ने दो पहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपए महीना और चार पहिया गाड़ियों का मासिक शुल्क 16,000 रुपए कर दिया था. इसके अलावा ड्रॉप ऐंड गो में फीस 40 से 70 रुपए, दो पहिया पार्किंग में 24 घंटे के लिए 240 रुपए फीस कर दी गई.


इसके बाद काफी विवाद हुआ. यात्रियों के कड़े विरोध के बाद शुक्रवार को हबीबगंज रेलवे स्टेशन की पार्किंग पर बढ़ाए गए किराए को प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर ने कम कर लिया है. हालांकि पार्किंग फीस अभी भी पहले के मुकाबले 10 गुना ज्यादा है.

पार्किंग के दामों में इतनी बढ़ोतरी देख कर जब मुसाफिरों ने विरोध प्रदर्शन किया तो रेलवे को बीच में आना पड़ा. बाद में कॉन्ट्रेक्टर ने विभाग के निर्देशन पर पार्किंग के मासिक दामों को घटा दिया. जिसके बाद दो पहिया वाहनों की पार्किंग का मासिक किराया 995 रुपए और चार पहिया वाहनों की पार्किंग का मासिक किराया 5,990 रुपए कर दिया गया.

हालांकि यह अभी भी पहले की तुलना में काफी ज्यादा है. पहले दो पहिया वाहनों का मासिक किराया 120 रुपए था और चार पहिया वाहनों का मासिक किराया 300 रुपए हुआ करता था.

भोपाल मंडल रेलवे उपयोगकर्ता की परामर्शदात्री समिति (डीआरयूसीसी) के सदस्य निरंजन वाधवानी ने कहा, 'स्टेशन पर लिए जा रहे पार्किंग शुल्क लगभग एयरपोर्ट पार्किंग पर लिए जाने वाले शुल्क के बराबर है.'  वाधवानी ने कहा 'एयरपोर्ट पर लोग कुछ घंटों के लिए गाड़ी पार्क करते हैं, जबकि रेलवे स्टेशनों पर गाड़ी लगभग 8 से 10 घंटो तक के लिए पार्क की जाती है'.

उन्होंने कहा कि रेलवे का उपयोग हर स्तर के लोग करते हैं. यहां से लगभग 400 यात्री प्रतिदिन अपने काम के लिए इटारसी, विदिशा और होशंगाबाद जाते हैं. ये लोग रोज इतना किराया देने में सक्षम नहीं हैं. उनका कहना है कि प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए मिली ताकतों का दुरउपयोग कर रहा है.

कॉन्ट्रैक्टर ने ड्रॉप एंड गो फ्री टाइमिंग को भी सात मिनट से बढ़ा कर 15 मिनट कर दिया है. दरअसल अपनी पत्नी को स्टेशन छोड़ने आए व्यक्ति से जबरन पार्किंग शुल्क लिए जाने के बाद यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. जिसके बाद रेलवे बोर्ड के दखल से पार्किंग शुल्क में कमी की गई है.