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निजता मौलिक अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने यह मामला 9 जजों की संवैधानिक बेंच को सौंप दिया है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट जल्दी ही ये फैसला करेगा कि निजता का अधिकार मूल अधिकार है या नहीं? इस मुद्दे का फैसला करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 9 जजों की संवैधानिक बेंच बना दी है. इस बेंच ने मामले की सुनवाई शुरू कर दी है.

समझने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी. हममें से ज्यादातर लोगों ने आधार कार्ड बनवा लिया होगा. तमाम सरकारी योजनाएं आधार से जुड़ चुकी हैं. यानी जिसने आधार नहीं बनवाया है उसे नुकसान है. बहुत सी सरकारी योजनाओं को फायदा नहीं मिलेगा. फिर भी कुछ लोग आधार नहीं बनवा रहे ये लोग कहते हैं कि आधार कार्ड के लिए जाने वाले डेटा से उनकी प्राइवेसी खतरे में पड़ जाएगी. इस संदर्भ में अबतक सुप्रीम कोर्ट में 20 याचिकाएं आई हैं. समझने वाली बात ये है कि क्या ये दलील सही है.


आधार की खातिर लिए जाने वाला डेटा क्या राइट-टू-प्राइवेसी का उल्लंघन करता है. सुप्रीम कोर्ट के सामने भी ये सवाल आया. अदालत ने ये जांचने का फैसला किया है कि संविधान इस बारे में क्या कहता है.

चीफ जस्टिस जे एस खेहर की आगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने मामले को 9 जजों की संवैधानिक बेंच को दे दिया. अब संवैधानिक बेंच ये देखेगी की क्या प्राइवेसी मूल अधिकार है.