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अब खाएं अंडे चाहे चखें चिकन... दाम बराबर है!

अंडे की कीमत इन दिनों आसमान को छू रही है. एक अंडे की खुदरा कीमत लगभग 7 रुपए हो गई है, जिससे इसकी तुलना में अब लोगों को चिकन खाना बेहतर लग सकता है

FP Staff

अक्सर ये सवाल पूछा जाता है कि- अंडा पहले आया या मुर्गी. इसके वैज्ञानिक जवाब को लेकर बहस जारी है मगर अब महंगाई के लिहाज से अंडा और मुर्गी दोनों बराबर हो गए हैं.

अंडे की कीमत इन दिनों आसमान को छू रही है. एक अंडे की खुदरा कीमत लगभग 7 रुपए हो गई है, जिससे इसकी तुलना में अब लोगों को चिकन खाना बेहतर लग सकता है.


इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार महाराष्ट्र के पुणे में पोलट्री किसान 585 रुपए प्रति सैकड़ा के दाम पर अंडों का सौदा कर रहे हैं. खुदरा में ग्राहकों को एक अंडा 6.5-7.5 रुपए का पड़ रहा है. करीब 55 ग्राम वजन वाला अंडा इस हिसाब से 120-135 रुपए प्रति किलोग्राम का हुआ, जो पुणे में 130-150 रुपए प्रति किलो बेचे जा रहे स्किन चिकन के दाम से बहुत कम नहीं है.

पुणे में पिछले 6 महीने में प्रति 100 फॉर्म अंडे की कीमत 375 रुपए से बढ़कर 585 रुपए पहुंच गई है. तब जबकि इस दौरान जिंदा ब्रॉयलर चिकन के दाम 90 से घटकर 60 रुपए प्रति किलो से भी कम रह गई है.

तमिलनाडु के इरोड स्थित एक बड़े अंडा कारोबारी ने कहा, 'सर्दियों में डिमांड बढ़ने पर आम तौर पर अंडे की कीमतें बढ़ जाती हैं, जबकि सप्लाई बढ़ने से ब्रॉयलर के दाम कम हो जाते हैं. इस समय चिकन जल्दी बढ़ता है. लेकिन अंडे के दामों में आई ऐसी तेजी मैंने पहले कभी नहीं देखी है.'

नेशनल एग कोर्डिनेशन कमेटी (एनईसीसी) के कार्यकारी सदस्य राजू भोसले ने अंडों की मांग में हुई अनुमानित 15 फीसदी बढ़ोतरी को कीमतें बढ़ने की वजह बताया. हाल के दिनों में सब्जियों का महंगा होना भी मुख्य रूप से वजह बताया जा रहा है. खुदरा में प्याज और टमाटर 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं, जबकि गोभी, फूलगोभी और बैंगन के लिए लोगों को 60 से लेकर 100 रुपए तक चुकाना पड़ रहा है. उन्होंने दावा किया कि 'जब सब्जियां बहुत महंगी हो जाती हैं, तो लोग अंडे पर जाते हैं, जिससे इसके दाम बढ़ जाते हैं. यह एक सरल गणित है.'

एनईसीसी के मैसूर जोन के चेयरमैन एम पी सतीश बाबू अंडे की कीमतों में आई इस तेजी के पीछे नोटबंदी को वजह मानते हैं. वो कहते हैं, 'मार्केट से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को अचानक बाहर कर देने से पिछले साल की तुलना में अंडे और ब्राइलर चिकन कम मात्रा में स्टॉक किए गए जिससे दाम बढ़ गए.'