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लोकसभा में उठी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

तीनों नगर निगम के बीच लगातार चल रहे मतभेद की वजह से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है

FP Staff

दिल्ली में प्रशासन को पूरी तरह निष्फल बताते हुए लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई. बीजेपी सदस्य महेश गिरि ने सदन में शून्यकाल में यह मामला उठाते हुए कहा कि दिल्ली में नगर निगमों को तीन हिस्सों में बांटे जाने के बाद पूरी दिल्ली कूड़े का घर बन गई है और बर्बाद होने के कगार पर है.

उन्होंने तीनों नगर निगमों को पहले की भांति मिलाकर एक करने के साथ ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की. सदन में उपस्थित आम आदमी पार्टी के सदस्य भगवंत मान ने गिरि द्वारा यह मांग उठाए जाने पर कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है.


नगर निगम की लड़ाई का असर?

महेश गिरि ने यह मामला उठाते हुए कहा कि दुनिया के किसी भी देश की राजधानी में इस प्रकार तीन नगर निगम नहीं हैं और इस व्यवस्था के चलते दिल्ली बर्बादी के कगार पर पहुंच गयी है और दिल्ली सरकार की विफलता ने इस संकट को और अधिक गहरा दिया है.

उन्होंने कहा कि एमसीडी नालियों की सफाई तो कर रही है लेकिन नालों की सफाई नहीं हो पा रही है. ऊपर से बारिश का मौसम आने के कारण स्थिति और विकट होने की आशंका है. उनका कहना था कि पूर्वी दिल्ली सर्वाधिक गैर नियोजित इलाका है और वहां से राजस्व की कम प्राप्ति होती है .

आए दिन एमसीडी कर्मचारी हड़ताल किए रहते हैं. इसी संदर्भ में उन्होंने तीनों नगर निगमों को पहले की भांति मिलाकर एक करने के साथ ही दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की.