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माल्या, मोदी जैसे लोग अब नहीं भाग पाएंगे देश छोड़कर, राष्ट्रपति ने नए कानून को दी मंजूरी

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक' को मंजूरी दे दी है

Bhasha

बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले अपराधी अब देश छोड़कर भाग नहीं सकेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक' को मंजूरी दे दी है. इस विधेयक से अब विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे अपराधियों को देश छोड़कर भागने से रोका जा सकेगा.

कौन होते हैं भगोड़ा आर्थिक अपराधी?


भगोड़ा आर्थिक अपराधी वो व्यक्ति होता है, जिसके खिलाफ 100 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा मूल्य के चुनिंदा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो, और वो क्रिमिनल प्रोसेक्यूशन से बचने के लिए देश से बाहर भाग गया हो.

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है. इस नए कानून से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे बड़े आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को देश से भागने और कानून से बचने से रोका जा सकेगा.

इस विधेयक के तहत क्या कहता है कानून?

इस नए कानून के तहत प्राधिकृत विशेष अदालत को किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी बेनामी और अन्य संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होगा. यह कानून कहता है, 'जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा.'

भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में 25 जुलाई को पारित हुआ था. लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रुपए की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है. अदालतों में मामले बढ़ाना नहीं. उन्होंने कहा था कि कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय जांच एजेंसी का काम करेगा.

विजय माल्या और नीरव मोदी की आर्थिक अपराध मामले में तलाश है. दोनों ही आरोपी देश छोड़कर लंबे समय से फरार हैं. सीबीआई दोनों के मामलों की जांच कर रहा है.