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धर्म के नाम पर भेदभाव और हिंसा के खिलाफ सभी को एकजुट होना होगा : मदनी

जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा धर्म तो मानवता, सहिष्णुता, प्रेम और एकता का संदेश देता है इसलिए जो लोग इसका इस्तेमाल नफरत और हिंसा के लिए करते हैं वे अपने धर्म के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते

Bhasha

देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा और भेदभाव को स्वीकार नहीं किया जा सकता और इस समस्या के खिलाफ सभी लोगों को एकसाथ आना होगा.

मदनी ने संवाददाताओं से कहा, 'धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती. धर्म तो मानवता, सहिष्णुता, प्रेम और एकता का संदेश देता है इसलिए जो लोग इसका इस्तेमाल नफरत और हिंसा के लिए करते हैं वे अपने धर्म के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते और हमें हर स्तर पर ऐसे लोगों की निंदा और विरोध करना चाहिए.'


मौलाना मदनी ने कहा, 'धर्म से ऊपर उठ कर मानवता के आधार पर दुनिया के सभी दुखी लोगों की सहायता करनी चाहिए, यह मानवीय कर्तव्य भी है.'

मदनी हाल ही में वियना में एक अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म सम्मेलन में शामिल हुए.

उन्होंने कहा, 'यह बहुत दुख की बात है कि दुनिया के अधिकांश देश अशांति, अराजकता और हिंसा से पीड़ित हैं, कहीं जातीय भेदभाव है तो कहीं भाषाई. धार्मिक भेदभाव को हवा देकर अराजकता और अशांति पैदा की जा रहा है. इसके खिलाफ सभी लोगों को साथ आना होगा.'

जमीयत प्रमुख ने कहा, 'राजनीतिक व्यवस्था और खासकर सरकारों से जुड़े लोगों को शांति और स्थिरता के लिए बड़ी भूमिका निभानी होगी. सभी को यह समझना होगा कि सरकार डर और भय से नहीं चलती बल्कि केवल न्याय और इंसाफ द्वारा ही चला करती है.'