काफी समय से इस बात पर चर्चा हो रही है कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे शीर्ष नेताओं को अपने सरकारी बंगले छोड़ने पड़ सकते हैं. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में इन नेताओं के पद छोड़ने के बाद उन्हें सरकारी बंगला आवंटित न किए जाने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से इस पर केंद्र सरकार का रुख बताने को कहा है. वहीं सभी राज्यों के एडवोकेट जनरल से भी इस बारे में जवाब मांगा गया है.
पिछले साल 23 अगस्त को 'लोक प्रहरी' नाम के एनजीओ की ओर से एक जनहित याचिका दायर की गई थी. गोपाल सुब्रमण्यम को इस मामले में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया था. सुब्रमण्यम की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस पर जवाब तलब किया है. इस मामले की सुनवाई अब 13 मार्च को होगी.