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प्रद्युम्न मर्डर: आरोपी किशोर छात्र को नहीं मिली जमानत

बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि इस मामले में एक महीने के अंदर चार्ज शीट दायर नहीं की गई जैसा कि किशोर न्याय अधिनियम में निर्धारित है और उसे जरूरी दस्तावेज भी नहीं दिए गए

Bhasha

गुड़गांव के रायन इंटरनेशनल स्कूल के सात साल के प्रद्युम्न की हत्या के मामले में 16 साल के आरोपी छात्र की जमानत याचिका को सोमवार को एक सत्र अदालत ने खारिज कर दिया है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडू ने अभी हिरासत में चल रहे आरोपी को राहत देने से इनकार कर दिया.


इससे पहले अदालत ने आरोपी, सीबीआई और शिकायतकर्ता के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

एक महीने तक दायर नहीं हुई चार्जशीट

बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि इस मामले में एक महीने के अंदर चार्जशीट दायर नहीं की गई जैसा कि किशोर न्याय अधिनियम में निर्धारित है और उसे जरूरी दस्तावेज भी नहीं दिए गए.

इसका विरोध करते हुये सीबीआई ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) ने आरोपी को वयस्क घोषित किया है ऐसे में सीआरपीसी के प्रावधानों में चार्जशीट दायर करने के लिए 90 दिन का समय होता है.

पिछले साल आठ सिंतबर को स्कूल के शौचालय में प्रद्युम्न का गला रेता हुआ शव मिला था.

स्कूल बंद करवाने के उद्देश्य से प्रद्युम्न को मारा

गुड़गांव पुलिस ने दावा किया था कि इस अपराध को स्कूल बस के कंडक्टर ने अंजाम दिया है जिसे बाद में सीबीआई ने खारिज कर दिया था.

जांच एजेंसी ने दावा किया कि किशोर ने पैरेंट-टीचर मीटिंग और परीक्षा टालने के लिए स्कूल बंद करवाने के उद्देश्य से प्रद्युम्न को मारा था.

जेजेबी द्वारा आरोपी को जमानत नहीं दिए जाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी.

जुवेनाइल नहीं माना जाएगा आरोपी

जेजेबी ने 20 दिसंबर को कहा था कि किशोर के साथ एक वयस्क की तरह सुनवाई की जाए और उसे गुड़गांव सत्र अदालत के समक्ष पेश किए जाने का निर्देश दिया था.

जेजेबी ने कहा था कि आरोपी इतना परिपक्व है कि उसे अपने कृत्यों का परिणाम का पता हो.

बोर्ड ने कहा कि अगर दोषी पाया जाता है तो आरोपी 21 वर्ष का होने तक सुधार गृह में रहेगा जिसके बाद अदालत उसे जेल भेज सकती है या उसे जमानत दे सकती है.

इससे पहले बोर्ड ने रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.