हरियाणा के रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न हत्याकांड की जांच धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. सोमवार को सीबीआई ने मामले की सबसे पहले जांच कर चुकी हरियाणा की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम से पूछताछ की.
कैसे मिस हुए अहम क्लू?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीआई ने एसआईटी से इस संबंध में पूछताछ की कि आखिर पहली जांच में उसने कई महत्वपूर्ण और स्पष्ट क्लू कैसे नजरअंदाज कर दिए. साथ ही, सीबीआई ने अपनी जांच में जिस 11वीं कक्षा के छात्र को आरोपी बताया है, उसके भी पुलिस के नजरों से बच निकलने के कारण का पता लगाया जा रहा है.
सीबीआई की दो टीमें इस मामले में जांच कर रही हैं. सोमवार को सीबीआई की पहली टीम ने स्कूल कैंपस में जांच किया. वहीं, दूसरी टीम ने एसआईटी के चार सदस्यों से पूछताछ किया. सीबीआई जानना चाहती थी कि आखिर एसआईटी ने अपने 10 दिनों तक चले जांच में कई सबूतों को नजरअंदाज और गलत व्याख्या कैसे कर ली थी?
पहले क्यों नहीं दिया ध्यान?
एसआईटी ने 10 दिनों तक चली अपनी जांच की रिपोर्ट में कहा था कि उसने इस दौरान पूरी मुस्तैदी से जांच की है, जिनमें लगभग 100 लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों की कई बार जांच भी शामिल थी? हालांकि, इसके बाद एक बड़ा सवाल ये है कि अगर 100 लोगों से पूछताछ की गई तो 11वीं के इस छात्र और उसके खिलाफ सीबीआई के सामने बयान देने वाले छात्रों के बयान पर एसआईटी ने ध्यान कैसे नहीं दिया था? और वो भी तब जब एसआईटी ने इस छात्र को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया था.
खबरों की मानें तो, सीबीआई ने एसआईटी के एक एसीपी, एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर और एक निचले रैंक के अधिकारी को इस पूछताछ के लिए बुलाया गया था. हालांकि, सीबीआई ने इस मुलाकात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.
सोमवार को सीबीआई के अधिकारी ने कहा, 'हम अभी किसी तरह का आरोप नहीं लगा रहे हैं. ऐसे बहुत से संकेत थे, जिन्हें एक पुलिस वाला अनदेखा नहीं कर सकता. हम बस जानना चाहते हैं टीम ने उन्हें कैसे नहीं देखा.'