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ग्रामीण इलाकों में नए नोट पहुंचाने पर जोर

गांवों में नकदी की पहुंच तय करने के लिए नकदी निकालने की सीमा बढ़ी.

IANS

नई दिल्ली: सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक नकदी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बैंकों से नकदी निकालने की सीमा बढ़ा दी है. बैंकों में एक से अधिक बार आने और डाकघरों की शाखाओं के जरिए पैसा बांटने की सीमा भी बढ़ा दी है. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि एटीएम से बड़े नोट भी निकाले जा सकेंगे और इन्हें अगले कुछ दिनों में बढ़ाया जाएगा.

दास ने कहा कि देश में एक लाख बीस हजार बैंकिंग कोरेस्पोंडेंट (वे लोग जो बैंकों की तरफ से छोटी धनराशि जमा कराने के लिए अधिकृत होते हैं) हैं. साथ ही इस वक्त देश में एक लाख तीस हजार से अधिक डाकघरों की शाखाएं हैं. इनमें से ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और यह अधिक संख्या में नकदी देने में सक्षम होंगे.


आरबीआई ने पहले ही प्रधानमंत्री को यह भरोसा दिया है कि देश की वित्तीय व्यवस्था में पर्याप्त मात्रा में नकद मौजूद है और सबसे बड़ी चुनौती उसके वितरण की है, जिसके समाधान के तरीके खोजे जा रहे हैं.

दूसरे उपायों में वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों के लिए सुविधा के इंतजाम किए गए है. पुराने अमान्य हो चुके नोटों को बदलवाने के लिए उनके अलग कतार की व्यवस्था की गई है. पेट्रोल पंप, दवा की दुकानों और रोजमर्रा की चीजों वाली दुकानों पर पुराने नोटों को स्वीकार करने की समयसीमा 24 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है.

इसके अलावा सरकार ने चालू खातों से हर सप्ताह नकद निकासी की सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है.

दास ने बताया कि आरबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से ऑनलाइन लेनदेन पर लगने वाला एक्स्ट्रा चार्ज हटाने का निर्देश दिया है. बैंकों को इस बारे में निर्देश दिए जा चुके हैं.