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पटना: महिला कॉन्स्टेबल की मौत से भड़के पुलिसकर्मी, अफसरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

ट्रेनी पुलिसकर्मी इतने आक्रामक थे कि एसएसपी मनु महाराज 40 मिनट तक पुलिस लाइन में प्रवेश नहीं कर सके

FP Staff

बिहार की राजधानी पटना में लंबे समय से बीमार चल रही महिला कॉन्स्टेबल सविता को इलाज के लिए छुट्टी न मिल पाने के कारण मौत हो गई. इसके बाद शुक्रवार को 400 से भी अधिक ट्रेनी कॉन्स्टेबल (इनमें ज्यादातर महिला थीं )की भीड़ ने सीनियर अफसरों के खिलाफ जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं अफसरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने की भी बात सामने आई है.

गुस्साए पुलिसकर्मियों ने नगर पुलिस अधीक्षक (सिटी एसपी), पुलिस उपाधीक्षक और सार्जेंट मेजर की भी पिटाई की. पटना पुलिस लाइन में आक्रोशित भीड़ ने आसपास की दुकानों को जबरदस्ती बंद भी करवा दिया.

क्या है पूरा मामला?

पुलिसकर्मियों का आरोप है कि जिस महिला कॉन्स्टेबल की मृत्यु हो गई, वह बीते कई दिनों से बीमार थी, लेकिन सीनियर अफसरों ने इलाज के लिए उसे छुट्टी नहीं दी. इसके कारण उसकी मौत हो गई.

22 साल की सविता डेंगू से पीड़ित थीं. बीते तीन दिनों से उन्हें तेज बुखार थी, इसके बावजूद डीएसपी ने उन्हें छुट्टी नहीं दी. हद तो तब हो गई जब उन्होंने सविता को कारगिल चौक पर ट्रैफिक संभालने के लिए भेज दिया.

सविता को बीते बुधवार एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. भर्ती होने के कुछ ही घंटों बाद वहीं उसकी मृत्यु हो गई.सविता की मौत के बाद डीएसपी मोहम्मद मश्लुद्दीन को छुट्टी न देने पर पुलिसकर्मियों की भीड़ उन पर हमला करने की कोशिश करने लगी.

मामला जैसे ही गंभीर हुआ सीनियर पुलिस अफसर भी एक्शन में आ गए. उनके बॉडीगार्ड ने हवा में 4 राउंड फायरिंग की. इसके बावजूद ट्रेनी पुलिसकर्मी तोड़फोड़ मचाते रहे. माहौल को शांत करने पहुंचे अन्य डीएसपी, पूर्वी- पश्चिमी पटना के सिटी एसपी को भी भीड़ ने अपनी गुस्सा का शिकार बनाया.

ट्रेनी पुलिसकर्मी इतने आक्रामक थे कि पटना के एसएसपी मनु महाराज 40 मिनट तक पुलिस लाइन में प्रवेश नहीं कर सके.डीजीपी ने मामले पर टिप्पणी करते हुए एक टीवी चैनल को कहा, यह ट्रेनी हैं. इन्हें भड़काया गया है. डीजीपी ने डीआईजी राजेश कुमार को मामले की जांच करने का आदेश दिया है.