इंस्टिटियूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) 1.77 अरब डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में ऑडिटरों की भूमिका की जांच करेगा. चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के शीर्ष संस्थान ने कहा है कि वह यह जांच करेगा कि क्या इस मामले में ऑडिटरों की ओर से कुछ खामियां रही हैं.
आईसीएआई ने इस बारे में जांच एजेंसियों तथा इंडियन सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड (सेबी) से भी सूचना मांगी है. आईसीएआई के अध्यक्ष एन डी गुप्ता ने कहा कि संस्थान ने पीएनबी में घोटाले का स्वत: संज्ञान लिया है.
उन्होंने कहा कि फाइनेंस रिपोर्टिंग रिव्यू बोर्ड (एफआरआरबी) को पीएनबी और गीतांजलि जेम्स मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए समीक्षा करने को कहा गया है. इस बोर्ड का गठन संस्थान ने किया है, जो विभिन्न अकाउटेंट्स और ऑडिटिंग मानदंडों के आधार पर अनुपालन की समीक्षा करता है.
आईसीएआई ने पीएनबी, सेबी, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को पत्र लिखकर इस मामले में जानकारी मांगी है. गुप्ता ने पिछले सप्ताह ही आईसीएआई के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है.
एक अधिकारी ने कहा कि संस्थान आडिटरों की भूमिका की जांच कर पता लगाएगा कि क्या उनकी ओर से कोई उल्लंघन हुआ है.
इसी सप्ताह हुए खुलासे में पंजाब नेशनल बैंक के मुबंई के एक ही ब्रांच से 11 हजार 400 करोड़ का फर्जी लेनदेन का मामला सामने आया था. यह लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग के जरिए साल 2011 से ही चल रहा था. इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर ज्वेलरी व्यापारी नीरव मोदी का नाम सामने आया है.