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PNB स्कैम: बैंक के पूर्व कर्मचारियों से नीरव मोदी को मिला था पासवर्ड

सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि नीरव की टीम के पास पीएनबी के स्विफ्ट सिस्टम का पासवर्ड था, जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है

FP Staff

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की जिस शाखा से बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटाले से तार जुड़ रहे हैं वो दक्षिण मुंबई में रिजर्व बैंक और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के सटे इलाके में स्थित है.

बैंक की इसी शाखा के कर्मचारियों की मदद से हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने 11,400 करोड़ रुपए के महाघोटाले को अंजाम दिया. अधेड़ उम्र के एक बैंक अधिकारी और बाद में उसके एक जूनियर कर्मचारी ने इस गड़बड़झाले में नीरव मोदी की मदद की थी.


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि नीरव की टीम के पास पीएनबी के स्विफ्ट सिस्टम का पासवर्ड था, जो लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के लिए जरूरी है. नीरव के लोग बैंक अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन करते थे.

पंजाब नेशनल बैंक में 2011-2017 के बीच 11,400 करोड़ रुपए का बड़ा घोटाला सामने आया है

बैंक ने आगाह किए जाने के बाद भी इस गड़बड़झाले की ओर ध्यान नहीं दिया

बैंक अब यह कह रहा है कि वो पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों ने इसे कैसे अंजाम दिया और इतने समय तक इसका पता किसी को कैसे नहीं चला. बैंक के पूर्व अधिकारियों और मौजूदा अधिकारियों से खातों की मिली जानकारी के आधार पर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस सवाल का जवाब दिया है. रॉयटर्स के मुताबिक किसी ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया.

इसमें कहा गया है कि स्विफ्ट इंटरबैंक मैसेजिंग सिस्टम और अधूरे लेजर इंट्री में कथित धोखाधड़ी कैसे हुई, इस बारे में लगातार खुलासे हो रहे हैं.

पंजाब नेशनल बैंक में तकरीबन 4 दशकों तक काम करने के बाद 2016 में उसके दिल्ली स्थित मुख्यालय में ऑडिट और निरीक्षण विभाग में सीनियर मैनेजर के पद से रिटायर होने वाले संतोष त्रिवेदी ने कहा, बैंकिंग सेक्टर के इस सबके बड़े घोटाले पर जनवरी तक किसी का नजर नहीं पड़ना सरकार के सड़ चुके आर्थिक सिस्टम को दिखाता करता है.

उन्होंने कहा, 'विदेशी निवेशकों की संतुष्टि के लिए जब तक इस स्तर पर सड़े सिस्टम को कंट्रोल नहीं किया जाता है, यह भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिए खतरनाक है.'