11,400 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाला मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इस मामले में आरोपी नीरव मोदी ने साफ कर दिया है कि अब न वो भारत लौटेंगे और न ही पैसा चुकाऊंगा. नीरव मोदी ने ईडी को तीसरा ईमेल भेज कर ये खुली चुनौती दी है. ईडी को भेजे मेल में नीरव मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि वह 11,400 करोड़ के पीएनबी घोटाले में ईडी के सामने पेश नहीं हो सकते. नीरव ने इसके लिए पासपोर्ट निलंबन और व्यापारिक व्यस्तताओं का हवाला दिया है.
वहीं अब इस मामले में एक और नई बात निकलकर सामने आ रही है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पीएनबी फ्रॉड मामले के बाद नीरव मोदी से जुड़ी 41 कंपनियों का विश्लेषण किया गया. जिनमें नौ कंपनियां 2010 में बनीं थी. लेकिन इनमें से एक भी कंपनी ने कोई बिजनेस नहीं किया और 2012 में ये कंपनियां बंद भी हो गईं. वहीं अब जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश में जुट गई हैं कि आखिर इन कंपनियों को खोलने के पीछे की वजह क्या थी.
रिकॉर्ड्स में सामने आया है कि नीरव मोदी का भाई नीशाल मोदी जोकि पीएनबी घोटाले में अभियुक्त हैं, इन सभी कंपनियों का डायरेक्टर थे. गौर करने वाली बात ये भी है कि सभी कंपनियों के बंद होने का कारण भी एक है. अपने बोर्ड के प्रस्ताव में हर एक कंपनी ने शटडाउन के कारण में कहा है कि कोई स्थायी व्यावसायिक गतिविधि न होने और रेवेन्यू जनरेट न कर पाने के कारण हम कंपनी बंद कर रहे हैं. हर एक कंपनी का गठन 1 लाख रुपए के पेड-अप कैपिटल से किया गया था.
ये हैं वो 9 कंपनियां जो 2 साल में ही हुईं बंद
- पुनर्वसु कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
- अनंतनाथ वैल्युअर्स प्राइवेट लिमिटेड
- नेमिनाथ कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
- वसुपूज्य वैल्युअर्स प्राइवेट लिमिटेड
- मूल कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड
- संभवनाथ कंसल्टैंट्स प्राइवेट लिमिटेड
- सुवधिनाथ कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड
- मून वैल्युअर्स प्राइवेट लिमिटेड
- सुपस्वनाथ कंसलर्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड