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मोदी सरकार ने टैक्स कलेक्शन का टारगेट हासिल किया

साल 2016-17 के केंद्रीय बजट में इस टारगेट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था

Ravishankar Singh

देश में शायद पहली बार आयकर विभाग ने केंद्रीय बजट में निर्धारित किए गए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के लक्ष्य को हासिल किया है. वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान आयकर रिटर्न के तौर पर 8 लाख 47 हजार करोड़ रुपए इकठ्ठा किए गए.

यह पिछले वर्ष की तुलना में एक लाख करोड़ रुपए ज्यादा है. साल 2016-17 के केंद्रीय बजट में इस टारगेट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था.


देश में नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या के रिकॉर्ड में तेजी आई है. नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए हैं.

नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने कसी नकेल

हम आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद आयकर विभाग के अफसरों ने बेहतर तालमेल और खास रणनीति बनाई. आयकर विभाग के अफसरों ने टैक्स नहीं जमा करने वालों की पहचान कर फिर उस पर शिकंजा कसा.

नोटबंदी के दौरान जमा किए गए रकम को आधार बना कर अधिकारियों ने कंपनियों के पिछले 10 सालों के रिकॉर्ड को खंगाला. आयकर विभाग के द्वारा किए गए छापे में मिले दस्तावेजों को आधार बना कर चोरी किए गए धन को उजागर किया गया.

आयकर विभाग के अनुसार अबतक 1300 करोड़ रुपए कालाधान विशुद्ध तौर पर बाहर आया है. आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को 4 हजार 241 करोड़ रुपए टैक्स जमा करने का लक्ष्य दिया था जबकि, टैक्स कलेक्शन 4 हजार 574 करोड़ तक पहुंच गया.

आयकर विभाग ने इस बार असेसमेंट, सर्च, रिकवरी और सर्व जैसी बिंदुओं पर खूब काम किया. इस बार जो लक्ष्य रखा गया था उससे 8 फीसदी अधिक कर वसूली की गई. ये पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है.

इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या हुई दोगुनी

साल 2016-17 वित्त वर्ष में इनकम टैक्स भरने वालों की संख्या में 250 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. खासकर कॉर्पोरेट सेक्टर में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई. इस साल आयकर विभाग के द्वारा पहले की तुलना में ज्यादा सर्वे किए गए.

आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के घेरे में आए लोगों से 419 करोड़ रुपए सरेंडर करवाए. जिससे सरकार को कम से कम 130 करोड़ रुपए टैक्स मिलेगा.

नोटबंदी के दौरान आयकर विभाग ने 18 लाख खातों पर नजर रखी.

लोगों ने अपने पास रखा कालाधन आनन-फानन में जमा कराया. लोगों ने वैसे खातों का भी इस्तेमाल किया जिन खातों का इस्तेमाल सालों से नहीं हो रहा था. आयकर विभाग वैसे खाता की पहचान कर पैसे जमा करने वालों पर नकेल कस रहा है.

नोटबंदी के बाद से देश में सरकार के तरफ से जो माहौल बनाया गया उससे टैक्स कलेक्शन में काफी इजाफा हुआ. आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश में बने इस माहौल का फायदा अगले 3 साल में और दिखने लगेगा.

कालाधन पर केंद्र की सख्ती का आलम यह है कि गाजियाबाद आईटी यूनिट भी टैक्स रिटर्न भरने के बाद मालामाल हो गई है. नोटबंदी के बाद गाजियाबाद यूनिट से 2900 करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन हुए हैं. जो साल 2016-17 वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य से 900 करोड़ रुपए अधिक है.

नॉर्थ-वेस्ट रीजन में करोड़ों रुपए अधिक टैक्स कलेक्शन

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नार्थ-वेस्ट रीजन जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ आता है वहां से 34 हजार 959 करोड़ रुपए टैक्स जुटाए हैं. जो कि साल 2015-16 में 29 हजार 711 करोड़ रुपए था.

विभाग ने पहली बार नॉर्थ-वेस्ट रीजन में 448 करोड़ रुपए अधिक टैक्स कलेक्शन किया है. इन राज्यों में से सिर्फ जम्मू-कश्मीर छोड़ कर बाकी सभी राज्यों का टैक्स कलेक्शन बढ़ा है.

पंजाब की 2.77 करोड़ आबादी में से सिर्फ 15.03 लाख यानी 5.42 प्रतिशत लोग ही आयकर रिटर्न भरते हैं. हरियाणा की 4.77 प्रतिशत ही आयकर रिटर्न भर रही है.

देश में चंडीगढ़ ऐसा शहर बन गया है जहां के 36 प्रतिशत लोग आयकर रिटर्न फाइल कर रहे हैं. चंडीगढ़ की कुल आबादी 10.55 लाख है. जिसमें से 3 लाख 85 हजार लोग टैक्स रिटर्न भरा है.